जीवन उनका धन्यकि जिनके उपवन का हर फूल खिला
धन्य मृत्यु वह जिसको
स्मृतियों का अनुपम हार मिला
कर्मवीर के आगे पथ का
हर पत्थर साधक बनता है
धन्य-धन्य वह मनुज
जिसे सत्कर्मों का उपहार मिला
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एक पल के बाद
मुझे उनसे मिलना है
एक नई सुबह लिखना एक नई शाम लिखना
शब्दों के सार-शून्य व्यामोह से
आँखों के खारे पानी से