जब भी आए याद हमारी,गीत खुशी से गा लेना
जिन गलियों में कभी अकेले मिलकर बिछुड़ गए थे हम
उन गलियों में फिर आ जाना हमको गले लगा लेना
हमने अपने लिए आज तक कहाँ कभी कुछ भी माँगा
तुम हमसे कुछ चाह रहे हो चुपके से बतला देना
ज़र्रा-ज़र्रा बनकर हीरा चमक उठेगा तय मानो
तुम सज धज के बज़्म में आना एक झलक दिखला देना
दिल भी घायल,रूह भी ज़ख्मी, उम्मीदें भी टूट चुकीं
हमदर्दी की ओढ़ के चादर हमसे नज़र मिला लेना
जीवन खुली किताब हमारी और सबक इसके सच्चे
सीख अगर कुछ मिल जाए तो दिल में उसे बसा लेना
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