Tuesday, February 18, 2014

जंगलों से गुज़रती हैं ज़िंदगी की कई राहें 

डॉ.चन्द्रकुमार जैन 


आज वनों के विनाश की चर्चा आम तौर पर पढ़ी-सुनी-देखी जा सकती है।  इसे पर्यावरण के समक्ष एक बड़े संकट के रूप में भी देखा जा रहा है। बढ़ती आबादी व निर्बाध रूप से हो रहे निर्माण कार्यों का कारण धरती से वन खत्म होते जा रहे हैं। वन  धरती की ऐसी प्राकृतिक संपदा है जो धरती पर मनुष्यों व जीव-जंतुओं के जीवन को आसान व रहने योग्य बनाते हैं। जंगल जीव जंतुओं को ही नहीं, जड़ी-बूटियों को भी आश्रय देते हैं। 

जंगल पर्यावरण के लिहाज से ही नहीं, किसी देश की अर्थव्यवस्था के लिए भी बेहद जरूरी हैं। दुनिया भर में जंगलों को बचाने पर बहुत जोर दिया जा रहा है, मुहिम चलाई जा रही है, पौधरोपण किया जा रहा है। इसके लिए खासतौर से प्रशिक्षित  व्यक्तियों जैसे कि फारेस्टरी स्पेशलिस्ट, फारेस्टरी मैनेजमेंट एक्सपर्ट और फॉरेस्ट ऑफिसर्स की मांग बढ़ती जा रही है। आइये, इस जानदार भविष्य विकल्प पर आज कुछ बेशकीमती जानकारी हासिल करें। 

कार्य क्षेत्र
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फॉरेस्टरी के अंतर्गत जंगलों की सुरक्षा, लकड़ी की जरुरतों को पूरा करने के लिए वृक्षों की खेती, उन्हें आग, बीमारी और अतिक्रमण रोकने से संबंधित कार्यों फारेस्टर को दक्षता प्राप्त होती है। इनके कार्यों में जीव-जंतुओं के बिहेवियर को समझना, पेड़-पौधों की वैज्ञानिक तौर पर जांच करना, कीड़े-मकोड़ों से पौधों की सुरक्षा करना आदि प्रमुखता से शामिल होता है। इसके अलावा जानवरों, पेड़ों व प्रकृति की खूबसूरती को बचाए रखने में भी अहम भूमिका निभाते हैं। 

शैक्षिक योग्यता
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फारेस्टरी से संबंधित स्नातक, स्नातकोत्तर और डिप्लोमा स्तर के कई कोर्स हैं। यहां तक कि आप फारेस्टरी में पीएचडी भी कर सकते हैं। ऐसे व्यक्ति जिन्होंने इंटरमीडिएट स्तर पर फिजिक्स, केमेस्ट्री, और बायोलॉजी की पढ़ाई की है वे बीएससी फारेस्टरी का कोर्स करने के बाद फारेस्ट मैनेजमेंट, कमर्शियल फारेस्टरी, फारेस्ट इकोनामिक्स, वुड साइंस एंड टेक्नोलॉजी, वाइल्ड लाइफ साइंस, वेटेरिनरी साइंस आदि कोर्स कर सकते हैं। इंडियन इंस्टीट्यूट आफ फारेस्ट मैनेजमेंट, नेहरू नगर भोपाल फारेस्ट मैनेजमेंट का कोर्स कराता है। इसके बाद आप किसी मान्यता प्राप्त संस्थान से पीएचडी भी कर सकते हैं। इतना ही नहीं फॉरेस्ट्री में बैचलर डिग्री लेने के बाद आप संघ लोक सेवा आयोग, नई दिल्ली द्वारा आयोजित इंडियन फारेस्ट सर्विस की परीक्षा में भी शामिल हो सकते हैं।

अतिरिक्त योग्यता
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इस प्रोफेशन में करिअर मजबूत बनाने के लिए आपको शारीरिक रूप से भी मजबूत होना जरूरी है, इसके साथ ही आपका प्रकृति प्रेमी होना इस प्रोफेशन में सोने पर सुहागा साबित होगा। अगर आप घूमने-फिरने के शौकीन हैं, एडवेंचर पसंद करते हैं और चुस्त दुरुस्त हैं तो यह आपके करिअर को और आगे ले जाने में मदद करेगी। आप में धैर्य और वैज्ञानिक चेतना, प्रकृति से लगाव जैसे गुण हैं तो आपको फरेस्टरी के अध्ययन और उससे संबंधित कार्य में आनंद आएगा।

कोर्स और संस्थान
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इस प्रोफेशन में करिअर को बुलंदियों पर पहुंचाने के लिए छात्रों को बीएससी फारेस्टरी या एमएससी फारेस्टरी में प्रवेश लेना होता है। कई संस्थान इसमें प्रवेश के लिए परीक्षा का भी आयोजन करते हैं। 

1.एग्रीकल्चर  कालेज एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट, कोयंबटूर 
2.बिरसा एग्रीकल्चर विश्वविद्यालय, कांके, रांची 
3.कालेज आफ एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी - हिसार 
4.कालेज आफ एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग, पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी, लुधियाना 
5. कालेज आफ हार्टीकल्चर एंड फॉरेस्टरी, सोलन, हिमाचल प्रदेश 
6. जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्व विद्यालय, जबलपुर 
    के अलावा कुछ अन्य संस्थान भी हैं.

रोजगार का अम्बार 
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फारेस्टर्स का काम विशेषता के आधार पर ऑफिस, लेबोरेटरी या फील्ड कहीं भी हो सकता है। संबंधित कोर्स करने के बाद आप सरकारी और गैरसरकारी संगठनों के अतिरिक्त प्लांटेशन की फील्ड में कार्यरत कारपोरेट कंपनी में भी जॉब पा सकते हैं। इतना ही नहीं विभिन्न इंडस्ट्री में इंडीस्ट्रियल और एग्रीकल्चरल कंसल्टेंट के रूप में भी नौकरी के अवसर होते हैं। इसके अलावा अनेक शोध संस्थानों, जूलाजिकल पार्कों, आदि में नौकरी की संभावना होती है। इसके अतिरिक्त फारेस्ट और वाइल्ड लाइफ कन्वर्जेशन से संबंधित विशेषज्ञ के तौर पर आप काम कर सकते हैं।

फारेस्टर  - एक सफल फारेसटर का काम जंगल और जंगली जीवों की सुरक्षा करना, लैंड स्केप मैनेजमेंट, जंगल व प्रकृति से संबंधित अध्ययन और रिपोर्ट को तैयार करना होता है। 
डेंड्रोलाजिस्ट -डेंड्रोलाजिस्ट मुख्य रूप से लकड़ी और पेड़ों की साइंटिफिक स्टडी करते हैं। इनके कार्यों में पौधों को बीमारियों से बचाने का जिम्मा होता है। 
एंथोलाजिस्ट-इनका काम एनीमल बिहेवियर का वैज्ञानिक अध्ययन करना होता है। ये चिड़ियाघर, एक्वेरियम और लेबोरेटरी में जानवरों की हेल्दी हैबिट्स डिजाइन करने का काम भी करते हैं। इन्हें जानवरों का सबसे करीबी माना जाता है। 
एंटोमोलाजिस्ट-एंटोमोलाजिस्ट कीड़े मकोड़े से होने वाली बीमारियों को नियंत्रित करने के लिए अध्ययन करते हैं। यह एक तरीके से पौधों की सुरक्षा का जिम्मा उठाते हैं।
सिल्वीकल्चररिस्ट-इनका काम जंगलों के विस्तार के लिए विभिन्न पौधों को तैयार करना है और उनके विकास की जिम्मेदारी भी इन्हीं पर होती है।
फारेस्ट रेंज ऑफिसर -इनका काम जंगलों, अभ्यारण्य, गार्डेन की सुरक्षा करना होता है। इनका चयन इंडियन फारेस्ट सर्विसेस के तहत होता है। 
जू क्यूरेटर-जू क्यूरेटर चिड़ियाघर में जानवरों की दिनचर्या को जांचता है और उनके कल्याण और प्रशासन के लिए जिम्मेदार होता है। 

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दिल से .... 

अवसर, अक्सर कठिनाइयों के घर 
में रहता है। ज़रा गौर कर दरवाज़ा 
खटखटा कर तो देखिये।

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पत्रकारिता में 'कॅरियर' की इंद्रधनुषी सम्भावनाएँ 

डॉ.चन्द्रकुमार जैन  


भारत में विकास तथा गवर्नेंस का क्षेत्र हाल ही में एक नया उदाहरण बना है, जिसका मुख्य आधार नई नीतिगत अर्थ व्यवस्था, परिवर्तित व्यवसाय, परिवेश और ज्ञान की शक्ति का सर्वस्वीकृत होना है। नए हालातों में पत्रकारिता की प्रासंगिकता व्यापक रूप से बढ़ गई है। आज लोकतंत्र का यह चौथा स्तम्भ अपने महत्व और विस्तार के मद्देनज़र केन्द्रीय भूमिका में आ गया है। पत्रकारिता के बढ़ रहे महत्व को देखते हुए,कई मीडिया संस्थाएं, शैक्षिक संस्थाएं और इलेक्ट्रॉनिक चैनल स्थापित किए गए हैं। 

दरअसल मीडिया आज समाज तथा शासन का वास्तविक दर्पण बन गया है। इसे लोक शिक्षक के रूप में देखा है। मीडिया जन-साधारण की समस्याओं को उजागर करने,उनकी आवाज़ बुलंद करने तथा उन्हें न्याय दिलाने का एक प्रभावी साधन यानी मंच बन गया है। लिहाज़ा, कोई  आश्चर्य नहीं कि कॅरियर की दृष्टि भी पत्रकारिता का क्षेत्र पहले से ज्यादा विस्तृत और आकर्षक बन गया है। 

पत्रकारिता के क्षेत्र में एक सफल करियर के रूप में किसी भी व्यक्ति को जिज्ञासु,दृढ़ इच्छा शक्ति वाला, सूचना को वास्तविक, संक्षिप्त तथा प्रभावी रूप में प्रस्तुत करने की अभिरुचि रखने वाला, किसी के विचारों को सुव्यवस्थित करने तथा उन्हें भाषा तथा लिखित-दोनों रूपों में स्पष्ट रूप से अभिव्यक्त करने में कुशल होना चाहिए। दबाव में कार्य करने के दौरान भी नम्र एवं शांत चित्त बने रहना एक अतिरिक्त योग्यता होती है। जीवन के सभी क्षेत्रों से व्यक्तियों का साक्षात्कार लेते समय पत्रकार को व्यावहारिक, आत्मविश्वासपूर्ण तथा सुनियोजित रहना चाहिए। उसे प्रासंगिक तथ्यों को अप्रासंगिक तथ्यों से अलग करने में सक्षम होना चाहिए। अनुसंधान तथा सूचना की व्याख्या करने के लिए विश्लेषण कुशलता होनी चाहिए।

बदलते परिवेश ने वैसे देखा जाय तो प्रायः प्रत्येक करियर की संभावनाओं में आमूल परिवर्तन कर दिया है। इस लिहाज़ से पत्रकारिता एक प्रतिष्ठित व्यवसाय है और कुछ मामलों में एक उच्च वेतन देने वाला व्यवसाय है,जो युवाओं की बडी़ संख्या को आकर्षित कर रहा है। इससे कौन इंकार कर सकता है कि किसी भी राष्ट्र के विकास में पत्रकारिता अहम भूमिका निभाती है। इसमें आजकल नागरिकों की सीधी भागीदारी की मांग बढ़ती  है।यह वह साधन है, जिसके माध्यम से हमें समाज की दैनिक घटनाओं के बारे में सूचना प्राप्त होती है। वास्तव में पत्रकारिता का उद्देश्य जनता को सूचना देना, समझाना, शिक्षा देना और उन्हें प्रबुद्ध करना है।

कलम तलवार से कहीं अधिक प्रभावशाली है, इसे आज की पत्रकारिता ने सिद्ध कर दिखाया है।अब सिर्फ खबर देना पत्रकारिता नहीं है। घटनाओं की मात्र साधारण रिपोर्ट देना ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि रिपोर्टिंग में अधिक विस्तार, स्पष्टता , विशेषज्ञता और व्यावसायिकता होना आवश्यक है। यही कारण है कि पत्रकार अपनी योग्यता प्रमाणित करने के लिए समाचारपत्रों एवं पत्र-पत्रिकाओं के लिए राजनीति शास्त्र,वित्त,अर्थशास्त्र,कला, संस्कृति एवं खेल जैसे विविध क्षेत्रों के अलावा अनगिन क्षेत्रों में विशेषज्ञता प्राप्त करते हैं। घटनाओं और चीज़ों पर पकड़ के अलावा इसे भाषा पर भी अधिकार हासिल करना होता है। 

अब एक करियर के रूप में अगर देखें तो तीन ऐसे मुख्य क्षेत्र हैं जिनमें पत्रकारिता के इच्छुक व्यक्ति रोजगार ढूंढ़ सकते हैं: •शिक्षण एवं अनुसंधान •प्रिंट पत्रकारिता •इलेक्ट्रॉनिक (श्रव्य/दृश्य) पत्रकारिता।

शिक्षण एवं अनुसंधान: उच्च शिक्षा, पत्रकारों के लिए रोजगार का एक महत्वपूर्ण स्रोत है, किंतु अनुसंधान भी पत्रकारिता में एक सामान्य करियर विकल्प है। पत्रकारिता में उच्च शिक्षा और पी.एचडी. उपाधि धारक कॉलेजों, विश्वविद्यालयों और अनुसंधान संस्थाओं में रोजगार तलाशते हैं। कई अध्यापन पदों पर विशेष रूप से विश्वविद्यालयों और संस्थानों में अनुसंधान सम्बन्धी कार्यकलाप अपेक्षित होते हैं। यद्यपि यह निश्चित तौर पर सत्य है कि पुस्तकों अथवा लेखों को प्रकाशित करना कार्य - सुरक्षा तथा पदोन्नति का मुख्य मार्ग है और अधिकांश विश्वविद्यालयों में वेतन वृद्धि होती है, यह अपेक्षा ऐसी स्थापनाओं में अधिक लागू होती है जहां मूल छात्रवृत्ति को महत्व तथा समर्थन दिया जाता है। तथापि कई संस्थाएं उन्नति के एक प्रारंभिक मार्ग के रूप में अनुसंधान अथवा अध्यापन पर अधिक बल देती है। 

इसके परिणामस्वरूप यद्यपि कुछ व्यवसायों में पत्रकारिता में कोई डिग्री विशेष रूप से अपेक्षित होती है, तथापि, ऐसा शैक्षिक प्रशिक्षण विविध प्रकार के व्यवसायों में जाने की एक महत्वपूर्ण योग्यता हो सकती है। पत्रकारिता में कला-स्नातक या मास्टर ऑफ आर्टस अथवा अनुसंधान (पीएच.डी.) डिग्रियों के लिए, गैर-लाभ भोगी क्षेत्र में, कोई विश्वविद्यालय, कोई संस्थान कोई व्यावसायिक या मीडिया फर्म रोजगार का क्षेत्र हो सकती है।

प्रिंट पत्रकारिता: प्रिंट पत्रकारिता समाचार पत्रों पत्रिकाओं तथा दैनिक पत्रों के लिए समाचारों को एकत्र करने एवं उनके सम्पादन से संबद्ध हैं। समाचार पत्र एवं पत्रिकाएं, वे बड़ी हों या छोटी, हमेशा विश्वभर में समाचारों तथा सूचना का मुख्य स्रोत रही हैं और लाखों व्यक्ति उन्हें प्रतिदिन पढ़ते हैं। कई वर्षों से प्रिंट पत्रकारिता बडे़ परिवर्तन की साक्षी रही है। आज समाचार-पत्र एवं पत्रिकाएं विविध विशेषज्ञतापूर्ण वर्गों जैसे राजनीतिक घटनाओं व्यवसाय समाचारों, सिनेमा, खेल, स्वास्थ्य तथा कई अन्य विषयों पर समाचार प्रकाशित करते हैं, जिनके लिए व्यावसायिक रूप से योग्य पत्रकारों की मांग होती है। प्रिंट पत्रकारिता में कोई भी व्यक्ति सम्पादक, संवाददाता, रिपोर्टर, आदि के रूप में कार्य कर सकता है।

इलेक्ट्रॉनिक पत्रकारिता: इलेक्ट्रॉनिक पत्रकारिता का विशेष रूप से प्रसारण के माध्यम से जन-समुदाय पर पर्याप्त प्रभाव है। दूरदर्शन, रेडियो, श्रव्य, दृश्य (ऑडियो, वीडियो) और वेब जैसे इलेक्ट्रॉनिक मीडिया ने दूर -दराज के स्थानों में समाचार, मनोरंजन एवं सूचनाएं पहुंचाने का कार्य किया है। वेब में, कुशल व्यक्तियों को वेब समाचार पत्रों (जो केवल वेब की पूर्ति करते हैं और इनमें प्रिंट संस्करण नहीं होते और लोक प्रिय समाचारपत्रों तथा पत्रिकाओं को जिनके अपने वेब संस्करण होते हैं, साइट रखनी होती है। इलेक्ट्रॉनिक पत्रकारिता में कोई भी व्यक्ति रिपोर्टर, लेखक, सम्पादक, अनुसंधानकर्ता, संवाददाता और एंकर बन सकता है।

शिक्षा:

स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम एवं अनुसंधान चलाने वाले कई विश्वविद्यालय तथा संस्थान हैं, उनमें कुछ निम्नलिखित हैं:- 

लखनऊ विश्वविद्यालय, लखनऊ
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, वाराणसी
जामिया मिल्लिया इस्लामिया, नई दिल्ली
भारतीय जन संचार संस्थान, नई दिल्ली
मुद्रा संचार संस्थान
सिम्बियोसिस पत्रकारिता एवं संचार संस्थान
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय खुला विश्वविद्यालय, नई दिल्ली
•      कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्व विद्यालय,रायपुर 
       (सूचना - उदाहरण मात्र )


अवसर :

पत्रकारिता में कोई पाठ्यक्रम पूरा करने के बाद, कोई भी व्यक्ति किसी मीडिया अनुसंधान संस्थान या किसी सरकारी संगठन में एक अनुसंधान वैज्ञानिक बन सकता है। अनुसंधान कार्य के दौरान भी कोई व्यक्ति अन्य अनुदानों तथा सुविधाओं के अतिरिक्त, मासिक वृत्तिका प्राप्त कर सकता है। कोई भी व्यक्ति किसी समाचारपत्र में या इलेक्ट्रॉनिक चैनल में एक पत्रकार के रूप में कार्यग्रहण कर सकता है और अच्छा वेतन अर्जित कर सकता है। प्रेस अधिकारी के रूप में अपनी दक्षता सिद्ध कर सकता है। 

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दिल से …

बीस वर्ष की आयु में व्यक्ति का जो चेहरा रहता है, 
वह प्रकृति की देन है, तीस वर्ष की आयु का चेहरा
जिंदगी के उतार-चढ़ाव की देन है लेकिन 
पचास वर्ष की आयु का चेहरा व्यक्ति की अपनी कमाई है। 
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Monday, February 17, 2014

राजनीतिक संचार में 'भविष्य' की उजली लकीरें 

डॉ.चन्द्रकुमार जैन 


राजनीतिक संचार आज के युग अत्यंत महत्वपूर्ण क्षेत्र बन गया है. इसका सम्बन्ध राजनीति विज्ञान, संचार और ख़ास तौर पर मीडिया के साथ है. मीडिया, राजनीति और लोक नीति में रूचि रखने वाले मुखर विद्यार्थियों के लिए यह क्षेत्र अनंत सम्भावनाओं से परिपूर्ण है. इस कोर्स में जहां एक तरफ मीडिया और  राजनीति का अध्ययन इस तरह किया जाता है कि पब्लिक पॉलिसी को लागू करने में मीडिया की भूमिका को भलीभांति समझा जा सके, वहीं शासन और संगठन के सुचारु संचालन के मद्देनज़र अपील करने वाले प्रभावी संचार का व्यावहारिक ज्ञान भी प्राप्त किया जाता है.

कोई भी व्यक्ति, किसी देश में प्रचलित राजनीतिक संचार गतिविधियों की संरचना, अंश एवं प्रवाह के संबंध में उस देश की सामाजिक एवं राजनीतिक प्रक्रिया का विश्लेषण कर सकता है। आप प्रचार प्रबंधक,प्रचार रणनीतिकार, शासकीय अधिकारी ( निर्वाचित या नियुक्त ), राजनीतिक संवाददाता या पत्रकार, वकील, विधिक सलाहकार, राजनीतिक प्रचारक, रानीतिक विश्लेषक, प्राध्यापक, जन संपर्क प्रबंधक, प्रेस सचिव, सम्भाषण लेखक, प्रवक्ता अदि बन सकते हैं. लेकिन, याद रहे कि ये कुछ उदाहरण मात्र  हैं. वास्तव में राजनीति और प्रशासन ही किसी भी देश की व्यवस्था की धुरी है. इसलिए राजनीतिक संचार में निपुण व्यक्ति के लिए अवसरों की कमी नहीं है.

कार्य –क्षेत्र
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राजनीतिक संचार उन संदेशों का आदान-प्रदान करता है और उसे अर्थ देता है जो सार्वजनिक नीति के संचालन से संबंधित होते हैं। संदेश व्यापक रूप में शासन से या सार्वजनिक नीति के संचालन से संबंधित होते हैं, सामान्यतः यह माना जाता है कि राजनीतिक संचार केवल चुनावों से संबंधित होता है, किंतु ऐसा नहीं है। राजनीति मोटे तौर पर उस प्रक्रिया को निर्धारित करती है; और उससे संबंधित होती है, जिसके द्वारा समाज नीतिगत मामलों पर सर्वसम्मति पर पहुंचता है। इस तरह, राजनीति संचार का आधार विशिष्ट वर्ग अथवा आम जनता के व्यापक संबंध वाले मामलों के बारे में नागरिकों, मीडिया एवं नेताओं के ‘कथोपकथन’ है।

राजनीतिक संचार में संचार, राजनीति विज्ञान, मनोविज्ञान, सामाजिकी, प्रबंधन एवं दर्शन शास्त्र विषयों के स्नातकों के लिए अवसर हैं।राजनीतिक संचार में कुछ सीखने और आगे बढ़ने के लिए चुस्त-दुरुस्त मानसिकता के साथ-साथ लचीलापन बेहद जरूरी है. इसमें राजनीति या संचार का सैद्धांतिक अध्ययन मात्र सब कुछ नहीं है बल्कि संचार-संवाद में उस पढ़ाई का सही व सटीक उपयोग करना सीखना महत्वपूर्ण है.

राजनीति संचार के छात्र सामान्यतः नीति एवं शासन मामलों की आम जनता की समझ को रूप देने में संचार एवं मीडिया की भूमिका के बारे में शिक्षा प्राप्त करते हैं। वे मीडिया के समर्थन, राजनीतिक विकास के बारे में संदेशों के प्रारूपण एवं राजनीतिक सेवाओं को प्रोतसाहन देने की नीतियों का ज्ञान प्राप्त करते हैं। संचार एक ऐसा मुख्य साधन है जिसका राजनीतिक संचार किसी राष्ट्र के राजनीतिक जीवन के प्रत्येक पहलू पर बल देते हुए राजनीतिक माहौल को समझने में प्रयोग करते हैं। 

राजनीतिक संचार का कार्य - क्षेत्र विशाल है।  एक सुनियोजित राजनीतिक संचार प्रयास व्यक्तियों को, उपयुक्त ज्ञान के माध्यम से विवेक पूर्ण एवं संगत नीतिगत निर्णय लेने में समर्थ बनाता है, उनमें आवश्यक कौशल तथा आशावाद का संचार करता है, परिवर्तित मानसिकता तथा परिवर्तित आचरण के माध्यम से उपयुक्त कार्य को सुसाध्य बनाता है । भारत जैसे देश में, जहां अधिकांश जनसंख्या या अब भी गांवों में रहती है तथा निरक्षरता एवं गरीबी जैसी समस्याएं अब भी विकास के मार्ग में बाधक हैं, हमें ऐसे जन-समुदाय तक पहुंच ने के लिए ऐसे कई संचार चैनलों की आवश्यकता है जो व्यक्तिगत तथा सामाजिक स्तर पर अच्छे शासन के रूप में राजनीतिक विकास की जानकारी रखते हों और उन्हें प्रोत्साहन देने में सक्षम हों।

क्या करना  होता है ?
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संचार /मीडिया अध्ययन में डिग्री या डिप्लोमा के साथ किसी समाज/राष्ट्र की राजनीतिक, सामाजिक, सांस्कृतिक तथा मनोवैज्ञानिक प्रणाली की व्यापक समझ व्यक्ति को सरकार एवं सार्वजनिक कार्यों के बीच एक सम्पर्क-कड़ी के रूप में कार्य करने के विभिन्न संचार कार्य के अवसर दे सकती है जो यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि आम व्यक्ति अच्छे शासन के श्रेष्ठ परिणाम प्राप्त कर सकते हैं। सामान्य राजनीतिक संचार व्यवसाय व्यक्ति के प्रोफाइल वृद्धि कार्यक्रम, मीडिया विश्लेषण, मीडिया सामग्री निर्माण, राजनीतिक कॉन्फरेंसों तथा इवेंट्स के आयोजन एवं प्रबंधन, भाषण और प्रस्तुति लेखन जैसे और ऐसे अन्य अनेक क्षेत्रों में कार्य करने के अवसर देता है।

समर्थन की भूमिका में, राजनीतिक संचार  राजनीतिक नेताओं को ‘‘क्या, कैसे, किसे और कब कहना है” पर सलाह देते हैं। राजनीतिक संचार के व्यवसाय में राजनीतिक निगरानी, नीतिगत अनुसंधान और विश्लेषण, योजनागत एवं कार्य-विधि संबंधी सलाह देन और प्रतिष्ठा प्रबंधन कार्य शामिल हैं ताकि राजनीतिक नेताओं को यह जानकारी हो कि वे अपनी प्रतिष्ठा कैसे बढ़ाएं और अपने समाज के व्यक्तियों से मजबूत संबंध कैसे बनाएं।

अच्छे संचार एवं प्रबंधन कौशल के साथ राजनीति एवं संचार के बीच सह-संबंध की संकल्पना समझ वाला व्यक्ति, अपने ग्राहकों के लिए राजनीतिक तथा नीतिगत अभियान प्रबंधन योजनाओं का विकास करने, संयोजन करने एवं चलाने के लिए राजनीतिक संचार परामर्श-संस्थाओं के साथ कार्य कर सकता है। राजनीतिक संचार परामर्श संस्थाएं इटंरनेट निगरानी एवं रिबटल सहित व्यावहारिक एवं नव प्रवर्तित इलेक्ट्रॉनिक अभियान सेवाओं का विकास कर रहे हैं ऑनलाइन प्रेस कार्यालय चला रहे हैं, जो आपको साइबर मीडिया के साथ एक राजनीतिक संचारक के रूप में कार्य करने का भी शानदार अवसर देते हैं।

पात्रता और पढ़ाई  
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इस समय कई भारतीय विश्वविद्यालयों के संचार विभाग स्नातकोत्तर स्तर पर राजनीतिक संचार को अपने एक वैकल्पिक विषय के रूप में पढ़ा रहे हैं। पत्रकारिता एवं जनसंचार में प्रशिक्षित एवं राजनीति विज्ञान, सामाजिकी, मनोविज्ञान या प्रबंधन में डिग्रीधारी व्यक्ति को विविध क्षेत्रों में एक राजनीतिक संचार क के रूप में कार्य करने के लिए आसानी से भर्ती किया जा सकता है। संचार की दृष्टि से विकास के राजनीतिक आयामों की अच्छी समझ होना इसकी प्रथम अपेक्षा है।

रोजगार की खोज कहाँ ?
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राजनीतिक विकास के क्षेत्र में कार्यरत सरकारी राजनीतिक संगठन, राजनीतिक एजेंसियों और विभाग तथा शैक्षिक एवं अनुसंधान संस्थाएं, संचार परामर्श संस्थाएं, शासन क्षेत्र में कार्यरत मीडिया संगठन, गैर-सरकारी संगठन सामान्यतः अपनी रिक्तियां समाचार पत्रों में विज्ञापित करते हैं। इन संगठनों के वेबसाइट पर भी रोजगार, पात्रता एवं आवेदन-पद्धति के विवरण दिए जाते हैं। इन एजेंसियों के साथ आप एक राजनीतिक संचार विशेषज्ञ, पत्रकार, अनुसंधानकर्ता तथा मीडिया सलाहकार के रूप में कार्य कर सकते हैं।

वेतन
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राजनीतिक संचार क्षेत्र में वेतन आपकी योग्यता तथा अनुभव, नीति एवं शासन संबंधी मामलों में आपकी विशेषज्ञता और आपकी संचार कुशलता पर निर्भर करता है। संचार अध्ययन में डिग्री या डिप्लोमा के साथ राजनीतिक विकास मामलों की अच्छी समझ आपको एंट्री स्तर के पदों पर 25000/- रु. वेतन और अधिक  भी अर्जित करने में सहायता कर सकती है। एक मजबूत नेतृत्व, टीम विकास तथा नेटवर्किंग कौशल नीति-प्रबंधन एवं शासन क्षेत्र में आपको कोई उच्च पद दिला सकता है।

कौशल निखारें 
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एक राजनीतिक संचार के रूप में किसी व्यक्ति को किसी सम्पूर्ण राजनीति संचार अभियान को अनुकूल बनाने के लिए प्रिंट या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के लिए या किसी वेबसाइट के लिए साधारण राजनीतिक संदेशों की रूपरेखा को लेकर सभी स्तरों पर प्रभावी संचार की अच्छी समझ होनी चाहिए। समस्याओं का विश्लेषण करना सीखना होगा।

यह समझने के लिए कि किसी देश में राजनीतिक आधुनिकीकरण की सम्पूर्ण प्रक्रिया किस तरह स्थान लेती है, एक राजनीतिक संचारक के रूप में आपको उस समाज की वस्तुनिष्ठ सामाजिक तथा आर्थिक समस्याओं के वृहद् विश्लेषण तथा विषयनिष्ठ मनोवैज्ञानिक समस्याओं के सूक्ष्म विश्लेषण की व्यापक समझ होनी चाहिए। याद रहे कि यह क्षेत्र समझदारी के साथ-साथ सहनशीलता की मांग भी करता है,वरना इसमें टिक पाना मुश्किल है.

दिल से 
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अपने अन्दर योग्यता का होना अच्छी बात है , 
लेकिन दूसरों में योग्यता खोज पाने वाले सचमुच महान होते है.
इसलिए,जीवन में हमारी सबसे बडी जरूरत कोई ऐसा व्यक्ति है, 
जो हमें वह कार्य करने के योग्य बना दे  जिसे हम कर सकते हैं ।

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