Saturday, November 7, 2009

रिश्ते की खोज...!

मैंने तुम्हारे दुःख से
अपने को जोड़ा
और
अकेला हो गया
मैंने तुम्हारे सुख से
अपने को जोड़ा
और
छोटा हो गया
मैंने सुख-दुःख से परे
अपने को तुमसे जोड़ा
और
अर्थहीन हो गया
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सर्वेश्वरदयाल सक्सेना की कविता साभार