खौफ की धुंध मिटाओ तो कोई बात बने
प्यार का गीत सुनाओ तो कोई बात बने
कोई हसरत न रहे बाकी हमारे दिल में
इस तरह सामने आओ तो कोई बात बने
साफगोई में जहर होता है माना लेकिन
चाशनी उसमें मिलाओ तो कोई बात बने
शख्सियत जिसकी नहीं और जो नाकाबिल है
उसको इंसान बनाओ तो कोई बात बने
अमन के नाम पर गुमराह जो करते हैं हमें
उनकी बातों में न आओ तो कोई बात बने
Monday, March 17, 2008
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3 comments:
कोई हसरत न रहे बाकी हमारे दिल में
इस तरह सामने आओ तो कोई बात बने
शख्सियत जिसकी नहीं और जो नाकाबिल है
उसको इंसान बनाओ तो कोई बात बने
अच्छा लिखा है भाई.
बहुत बढिया! बहुत सुन्दर रचना है।
शख्सियत जिसकी नहीं और जो नाकाबिल है
उसको इंसान बनाओ तो कोई बात बने
अमन के नाम पर गुमराह जो करते हैं हमें
उनकी बातों में न आओ तो कोई बात बने
खूब लिखा है !
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