Monday, March 17, 2008

कोई बताये !

अमावस किस माह में नहीं आती
थकावट किस राह में नहीं आती
दुनिया में मुझे कोई बताये तो सही
रूकावट किस चाह में नहीं आती

4 comments:

mehek said...

kya baat hai bahut khub

अनिल रघुराज said...

सही बात है। यही समझ लिया जाए तो चलने का मजा बढ़ जाता है, जीवन आसान हो जाता है।

परमजीत सिहँ बाली said...

बहुत बढिया मुक्तक है।बधाई।

नीरज गोस्वामी said...

जैन साहेब
आप की नपे तुले शब्दों में ज़िंदगी का मर्म समझाने की कला का मैं कायल हूँ.
बधाई
नीरज