Saturday, April 5, 2008

वेतन पहले,वतन बाद में !

नई सदी है सिर पर चोटी कहाँ मिलेगी ?
नई सदी है कटि पर धोती कहाँ मिलेगी ?
वेतन पहले, वतन बाद में जब आता हो
तब बोलो मेहनत की रोटी कहाँ मिलेगी ?

5 comments:

L.Goswami said...

यही व्यब्स्था उपर से निचे तक फैली है.आज के वक्त की सच्चाई लिखी है आपने.

रवीन्द्र प्रभात said...

कड़वा सच परोसा है आपने, बधाईयाँ !

राज भाटिय़ा said...

आप ने जोर का झटका प्यार से मारा हे,आप रोटी की बात करते हे, मेने देखा भगवान भी पिछले दरवाजे से पेसे देने वालो कॊ पहले दर्शन देते हे,

अजित वडनेरकर said...

बहुत बढ़िया डॉक्टर साहेब....

अमिताभ मीत said...

वाह भाई. जवाब नहीं.