Friday, April 4, 2008

जीत है ये जिंदगी

छंद में गर जी सको तो गीत है ये ज़िंदगी,
हो अगर स्वच्छंद तो विपरीत है ये ज़िंदगी.
सुन सको गर मौन को संगीत है ये जिंदगी,
हार में भी हँस सको तो जीत है ये जिंदगी.

4 comments:

Rajeev said...

Bahut hi badhiya.

राज भाटिय़ा said...

**हार में भी हँस सको तो जीत है ये जिंदगी.**
हमेशा की तरह से आज भी आप ने दिल की बात कही, बहुत खुब धन्यवाद

दीपक said...

दील को छू गयी ,आपकी लाईने !!

अमिताभ मीत said...

बहुत बढ़िया लिखा है भाई.