Sunday, June 8, 2008

छोटी सी बात ...!


जैसे धरती पर क्यारी के लिए
क्यारी में डाली के लिए
डाली में फूल के लिए
फूल में फल के लिए
होती है जगह, थोड़ी सी या बहुत
वैसे ही हर इंसान के लिए रहे
थोड़ी सी जगह, धरती पर
ताकि फल-फूल सके
संस्कृति मानवता की
और जीवित रहे एक दूसरे की
एक दूसरे को जगह देने की परम्परा...!

7 comments:

Udan Tashtari said...

वाह!! बहुत गहरी रचना. बधाई.

mamta said...

बहुत खूब !!

डॉ .अनुराग said...

achha sandesh....likhte rahe..

अमिताभ मीत said...

क्या बात है. बहुत बढ़िया है साहब. वाह !

रंजू भाटिया said...

सुंदर संदेश ..

बालकिशन said...

बहुत अच्छे.
क्या खूब कहा.
बधाई.

Dr. Chandra Kumar Jain said...

आप सबके स्नेह-सदभाव को नमन.
आभार ====================
चंद्रकुमार