जैसे धरती पर क्यारी के लिए
क्यारी में डाली के लिए
डाली में फूल के लिए
फूल में फल के लिए
होती है जगह, थोड़ी सी या बहुत
वैसे ही हर इंसान के लिए रहे
थोड़ी सी जगह, धरती पर
ताकि फल-फूल सके
संस्कृति मानवता की
और जीवित रहे एक दूसरे की
एक दूसरे को जगह देने की परम्परा...!
7 comments:
वाह!! बहुत गहरी रचना. बधाई.
बहुत खूब !!
achha sandesh....likhte rahe..
क्या बात है. बहुत बढ़िया है साहब. वाह !
सुंदर संदेश ..
बहुत अच्छे.
क्या खूब कहा.
बधाई.
आप सबके स्नेह-सदभाव को नमन.
आभार ====================
चंद्रकुमार
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