Saturday, June 14, 2008
यूँ ही जाता नहीं बदल कोई....!
पहचान न पाए जो किसी को वो आदमी
कितना भी समझदार हो गहरा नहीं होता
- नरोत्तम शर्मा
मैं तो अपने आपको तेरी तरह समझता हूँ
मेरी नज़र में मेरा ऐतबार कम कर दे
- डा.बशीर 'बद्र'
मेरी ज़िंदगी के मालिक मेरे दिल पे हाथ रखना
तेरे आने की खुशी में मेरा दम निकल न जाए
- अनवर मिर्ज़ापुरी
जिसकी शोहरत है उसी नाम के जलते हैं चराग़
कितने ही नाम हैं ऐसे जो उजालों में नहीं
- ज़फर 'कलीम'
आदमी है कि वो ज़माना है
यूँ तो जाता नहीं बदल कोई
- सूर्यभानु गुप्त
जो आने वाले हैं मौसम उन्हें शुमार में रख
जो दिन गुज़र गए उनको गिना नहीं करते
- मोहसिन भोपाली
मुश्किल से हाथों में खज़ाना पड़ता है
पहले बरसों आना-जाना पड़ता है
- डा.राहत इन्दौरी
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7 comments:
bahut badhiya sher hai sab,shukrana
मैं तो अपने आपको तेरी तरह समझता हूँ
मेरी नज़र में मेरा ऐतबार कम कर दे
वाह!
जिसकी शोहरत है उसी नाम के जलते हैं चराग़
कितने ही नाम हैं ऐसे जो उजालों में नहीं
- ज़फर 'कलीम'
bahut achcha collection hai..shukriya sahre karne ke liye
आदमी है कि वो ज़माना है
यूँ तो जाता नहीं बदल कोई
ऐसे ही आदमियों का ज़माना है अब तो ....
बहुत उम्दा शेर. शुक्रिया.
जैन साहेब
बहुत अनमोल खजाना लुटा रहे हैं आप....बहुत बहुत शुक्रिया.
नीरज
पुनः बहुत उम्दा चयन. बधाई.
आप सब की ये शुभ भावनाएँ
आत्माभिव्यक्ति के नए रास्ते सुझाती है,
लेकिन इससे बेहतर पढ़ने व जानने का
प्रतिफल भी तो मिलता है.
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आभार अन्तरमन से.
डा.चंद्रकुमार जैन
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