Monday, June 16, 2008

दुःख देखे पर दुखी न हुआ...!


दुःख कहने की बात नहीं सहना होता है
सुख जम सका कहाँ उसको बहना होता है
दुःख देखे पर कभी न दुःख से दुखी हुआ जो
इंसान नहीं,भगवान उसे कहना होता है
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7 comments:

कुश said...

बढ़िया भाव..

Alpana Verma said...

subah subah [yahan 8 baje hain]
itni achchee baat sun kar bahut achcha laga--aap ke kahne ka andaaz bahut bhaya..asani se yaad ho gayee charon panktiyan...

रंजू भाटिया said...

सुंदर लिखी गई है यह पंक्तियाँ

डॉ .अनुराग said...

बढ़िया भाव..

Udan Tashtari said...

वाह जी वाह!

नीरज गोस्वामी said...

सच कहा है जैन साहेब...शतप्रतिशत सच. भावपूर्ण रचना.कम शब्दों में सारी बात कह देने का हुनर कोई आप से सीखे.
नीरज

Dr. Chandra Kumar Jain said...

आप सब का स्नेह ही
सृजन की सच्ची सम्पदा है.
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आभार
चंद्रकुमार