हिंदी है युग-युग का पानी
सदियों में जो बन पाती है
हिंदी ऐसी अमर कहानी
गंगा-यमुना-सरस्वती के
संगम जैसी अपनी हिंदी
महासागरों-सी है गहरी
और विहंगम अपनी हिंदी
संस्कृत की यह न्यारी बेटी
जन-जन की है दिव्य भारती
एक-नेक भारत अशेष यह
नेह-प्रेम की दिव्य आरती
हिंदी है वह दर्पण जिसमें
हर दर्शन की छवि जीवित है
हिंदी है हिंद की धड़कन
वरना सब कुछ जीवित-मृत है !
======================
7 comments:
हिन्दी में नियमित लिखें और हिन्दी को समृद्ध बनायें.
हिन्दी दिवस की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाऐं.
-समीर लाल
http://udantashtari.blogspot.com/
उस युग को आने तो दो
हिन्दी युग जब आयेगा
तो हिन्दी सबके मन पर
अच्छी तरह छायेगा या
हिन्दी आयेगी हिन्दी छायेगी।
अंग्रेजी को कौन भगायेगा
हिन्दी भगायेगा
फिर उस युग में इस देश में
अंग्रेजी दिवस मनता नजर आएगा
बाकी सब दिन हिन्दी होगी
bhaut badhiya rachana .Garv se ham kahe hindi hamari bhasha hai.dhanyawad.
हिन्दी है हिन्द की धड़कन
"संस्कृत की यह न्यारी बेटी
जन-जन की है दिव्य भारती"
सच में जन-जन की आवाज़ है.
आभार आप सब का
=================
डॉ.चन्द्रकुमार जैन
Post a Comment