सुबह-सबेरे आज मिला हमें
हैप्पी अप्रेल फूल का संदेश !
हमें आ गया ज़रा आवेश !!
हम चौंके
मगर संभलकर सोचने लगे
कि आज की दुनिया में
बुद्धिमानी बेमानी है !
सोच-समझ वालों को
हर ज़गह परेशानी है !!
जो जितना नादान है
उसका रास्ता
उतना ही आसान है !
इसलिए दिले नादाँ
संदेश पर दिमाग मत खपा
सोच कि मूर्खता कब है खता ?
फिर क्या -
संदेश का भेज दिया हमने आभार !
कोई क्या सोचेगा न किया विचार !!
और लिख दिया कि आप हैं
आज सब पर भारी !
सब कुछ सीखा हमने
न सीखी होशियारी !!
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5 comments:
कविता लिखना सबको सबसे आसान काम लगता है!बताइये आप कविता क्यों लिखते हैं?
http://mukti-kamna.blogspot.com/
बहुत सही लिखा डाक्टसाब,
मासूमियत हर होशियारी पर है भारी...
आप हैं सब पर भारी....ये पंक्ति आप पर सटीक बैठती है...उत्तम रचना...हमेशा की तरह...
नीरज
बधाई! रचना के लिए!
सुंदर रचना ... बधाई।
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