Thursday, March 13, 2008

मन के मीत क्यों न मिलेंगे ?

कुछ तरंगें उठीं मन में और मन के मीत जीतने की कुछ रीत सूझ गयी ।
सोचा आपसे साझा कर लूँ ।
तो ये हैं चंद सुझाव जिन्हें आज के दौर में टिप्स कहने का चलन है ।

एक ---- दूसरों को अपने विषय में बोलने दें ।
दो ----- दूसरों की रूचि की बात करें
तीन ----- दूसरों के महत्व को कम मत आँकें ।
चार ----- बहस से बचें , समझ और सुझाव का मार्ग अपनाएं ।
पाँच----- कभी किसी को मुंह पर ग़लत न कहें ।
छः ------ दूसरों के सामने स्वयं की आलोचना की हिम्मत रखें ।
सात ----- कभी अपने मित्र को यह एहसास करायें कि कुछ मामलों में वह आपसे भी आगे निकल गया है ।
आठ ------ अपने मित्र को उसकी जगह पर स्वयं को रखकर समझने की कोशिश करें ।
नव -------- दूसरों की खासियत खोजें ।
दस -------- अपनी कमजोरियों से जी न चुराएं ।


1 comment:

anuradha srivastav said...

अगर वातस्विक जिन्दगी में उतार लिया जायें तो सारी समस्या ही खत्म।