ह्रदय अगर छोटा हो
तो शोक उसमें नहीं समाएगा
और दर्द दस्तक दिए बिना
लौट जाएगा .
टीस उसे उठती है
जिसका भाग्य खुलता है
वेदना गोद में उठाकर
सबको निहाल नहीं करती
जिसका पुण्य प्रबल होता है
वही अपने आंसुओं से धुलता है !
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- दिनकर जी
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Monday, March 24, 2008
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1 comment:
दिनकर जी की प्रस्तुति के लिये आभार.
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