मुझसे वैसे चेहरों का हाल मत पूछो
आदमी की है दुरंगी चाल मत पूछो
बेचकर ईमान जो हैं जीतते अक़्सर
झूठ है मज़बूत उनकी ढाल मत पूछो
आईना पढ़ लेता जो चेहरा तो बात थी
है मुझे किस बात का मलाल मत पूछो
वक्त आने पर दूंगा सौ सवालों के ज़वाब
पर कभी बेवक्त तुम सवाल मत पूछो
हादसे में जो मरा वो आदमी था और क्या
हादसे पर क्यों हुआ बवाल मत पूछो
11 comments:
बहुत खूब..एक-एक शेर बहुत कुछ कहता है. वाह!
अच्छे और तल्ख़ शेर।
आईना पढ़ लेता जो चेहरा तो बात थी
है मुझे किस बात का मलाल मत पूछो
वक्त आने पर दूंगा सौ सवालों के ज़वाब
पर कभी बेवक्त तुम सवाल मत पूछो
vah sahab bahut badhiya sher kahe aapne.....
"बेचकर ईमान जो हैं जीतते अक़्सर
झूठ है मज़बूत उनकी ढाल मत पूछो"
हमेशा की तरह बहुत ही शानदार रचना पेश की आपने.
बधाई.
आईना पढ़ लेता जो चेहरा तो बात थी
है मुझे किस बात का मलाल मत पूछो
टिप्पणी पूरी होने से पहले ही प्रकाशित हो गई...
सभी बेहतरीन...मेरी पसंद ऊपर वाली
हादसे में जो मरा वो आदमी था और क्या
हादसे पर क्यों हुआ बवाल मत पूछो
--सभी शेर उम्दा हैं.
आप सबका आभार....
आपकी दस्तक
बेहतर रचने की प्रेरणा बन जाती है.
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डा.चंद्रकुमार जैन
बेहतरीन शेर हैँ -
लिखते रहेँ ...
- लावण्या
वक्त आने पर दूंगा सौ सवालों के ज़वाब
पर कभी बेवक्त तुम सवाल मत पूछो
हादसे में जो मरा वो आदमी था और क्या
हादसे पर क्यों हुआ बवाल मत पूछो
बेहतरीन गज़ल..
***राजीव रंजन प्रसाद
लावण्या बहन और राजीव जी
आपका भी बहुत-बहुत आभार.
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चंद्रकुमार
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