Thursday, June 12, 2008

इतिहास बदल सकता है....!


आदमी चाहे तो विश्वास बदल सकता है
ये घटा और ये आकाश बदल सकता है
आदमी ही यहाँ इतिहास लिखा करता है
आदमी चाहे तो इतिहास बदल सकता है
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8 comments:

बालकिशन said...

आपकी इन पंक्तियों से बहुत बल मिला है.
मेरी पोस्ट पर की गई आपकी टिपण्णी से भी बहुत हौसला अफजाई हुई है.
कोटी-कोटी धन्यवाद.

डॉ .अनुराग said...

sahi baat....

रंजू भाटिया said...

आदमी चाहे तो इतिहास बदल सकता है

बहुत सही कहा आपने ..इंसान दिल से कुछ चाहे तो क्या नही कर सकता है

समयचक्र said...

इन्सान अगर ठान ले तो सब कुछ सम्भव है .

राजीव रंजन प्रसाद said...

आदमी ही यहाँ इतिहास लिखा करता है
आदमी चाहे तो इतिहास बदल सकता है

यथार्थ..

***राजीव रंजन प्रसाद

Udan Tashtari said...

बहुत सटीक.

Dr. Chandra Kumar Jain said...

आभार अंतर्मन से.
चंद्रकुमार

Satish Saxena said...

बेहतरीन पंक्तियाँ !