कली को जीतना है तो मधुर मुस्कान से जीतो
हिरण-मन जीतना है तो सरस-झंकार से जीतो
किसी को जीतना क्या है अरे तलवार से,बम से
किसी को जीतना है तो कलम की धार से जीतो
bahut badhiya saheb.....sacchi baat.
बेहतरीन रचना..प्रेरक और अनुकरणीय....हमेशा की तरह. नीरज
दोनों बहुत उम्दा एवं प्रेरक. वाह!
bahut prabhavshali...aapki lekhni har bar ek naya sandesh deti hai..
शुक्रिया आप सब का.================डा.चंद्रकुमार जैन
बहुत ही खूबसूरत और प्रेरणा दायक रचना हैं दोनों.आपको इसे पेश करने के लिए बधाई.
आपका भी आभार बालकिशन जी.===============चंद्रकुमार
बहुत बढ़िय पंक्तियां है डॉक्टर साहेब...हमेशा की तरह प्रेरणा और पॉजिटिविटी की स्रोत...
आपका शुक्रिया कैसे अदा करूँ ?अजित जी, इसके सच्चे स्रोत तो आप हैं.=======================डा.चंद्रकुमार जैन
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9 comments:
bahut badhiya saheb.....sacchi baat.
बेहतरीन रचना..प्रेरक और अनुकरणीय....हमेशा की तरह.
नीरज
दोनों बहुत उम्दा एवं प्रेरक. वाह!
bahut prabhavshali...aapki lekhni har bar ek naya sandesh deti hai..
शुक्रिया आप सब का.
================
डा.चंद्रकुमार जैन
बहुत ही खूबसूरत और प्रेरणा दायक रचना हैं दोनों.
आपको इसे पेश करने के लिए बधाई.
आपका भी आभार
बालकिशन जी.
===============
चंद्रकुमार
बहुत बढ़िय पंक्तियां है डॉक्टर साहेब...
हमेशा की तरह प्रेरणा और पॉजिटिविटी की स्रोत...
आपका शुक्रिया कैसे अदा करूँ ?
अजित जी, इसके
सच्चे स्रोत तो आप हैं.
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डा.चंद्रकुमार जैन
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