पूज्य है माटी और धन्य हैं उसके गुणगान करने वाले...वरना आज के परिवेश में कौन माटी के गीत गाता है?नीरज
मोर धरती मईया जय होवय तोर .....
बहुत सुन्दर ! छोटी सी कविता में बहुत कुछ है।घुघूती बासूती
हार्दिक आभार आप सब का=====================चन्द्रकुमार
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पूज्य है माटी और धन्य हैं उसके गुणगान करने वाले...वरना आज के परिवेश में कौन माटी के गीत गाता है?
नीरज
मोर धरती मईया जय होवय तोर .....
बहुत सुन्दर ! छोटी सी कविता में बहुत कुछ है।
घुघूती बासूती
हार्दिक आभार आप सब का
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चन्द्रकुमार
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