शब्दों के सार-शून्य व्यामोह से
मुक्त होकर ही
खुल सकता है अर्थ आज़ादी का !
आज़ादी से इंसान का रिश्ता
वैसा ही है,जैसा रूप का श्रृंगार से
नदी का पाट से, सरोवर का घाट से
फूल का सुवास से, प्रेम का विश्वास से
आजादी शब्द नहीं,बोध है
ज़िंदगी के माने की तलाश है, शोध है
आज़ाद होने पर कोई नहीं दिखता गुलाम
कोई डर नहीं होता
जहाँ आज़ादी है वहाँ कोई दिल नहीं रोता
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Thursday, August 14, 2008
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7 comments:
आजादी शब्द नहीं,बोध है
ज़िंदगी के माने की तलाश है, शोध है
आज़ाद होने पर कोई नहीं दिखता गुलाम
कोई डर नहीं होता
जहाँ आज़ादी है वहाँ कोई दिल नहीं रोता
सुंदर भाव। सहमत।
सुंदर अभिव्यक्ति है !बधाई !!
आप को आज़ादी की शुभकामनाएं .....
बहुत सुन्दर भाव... आज़ादी के दिवस पर शुभकामनाएँ
" आजादी शब्द नहीं,बोध है"
सत्य वचन !
आपको भी स्वतँत्रता दिवस की बधाई वँदे मातरम्`
अच्छे विचार रखने के लिये आभार !
- लावण्या
आजादी शब्द नहीं,बोध है
ज़िंदगी के माने की तलाश है, शोध है
बहुत अच्छा और सही है ..आजादी पर्व की बधाई
आभार आप सब के
सम्मानित आगमन और स्नेह का.
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शुभकामनाएँ स्वतंत्रता दिवस की.
डा.चन्द्रकुमार जैन
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