Friday, August 15, 2008

सवाल विकास का है...!

सवाल जलने का नहीं

प्रकाश का है

सवाल कहने का नहीं

विश्वास का है

काँटों से भरे बीहड़ पथ पर

सवाल चलने का नहीं

विकास का है
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6 comments:

अमिताभ मीत said...

एकदम सही है जैन साहब. Stephen Covey की ये बात याद आ गयी :

"It's absolutely possible to be very busy without being effective".

Dr. Chandra Kumar Jain said...

बहुत सही...प्रासंगिक
उद्धरण दिया आपने भाई मीत.
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शुभकामनाएँ
चन्द्रकुमार

शोभा said...

बहुत सुन्दर। आभार

दिनेशराय द्विवेदी said...

चलते आए अब तक
इन कांटों भरी पगडंडियों पर
हर बार बीनते कांटे
सुगम बनाते पथ
हर बार बिछा जाता है कोई
कांटे फिर से पथ पर
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रक्षा-बंधन का भाव है, "वसुधैव कुटुम्बकम्!"
इस की ओर बढ़ें...
रक्षाबंधन पर हार्दिक शुभकानाएँ!

योगेन्द्र मौदगिल said...

bahut badiya
badhai...

Dr. Chandra Kumar Jain said...

आभार शोभा जी,
द्विवेदी जी,
योगेन्द्र जी.
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शुभकामनाएँ
चन्द्रकुमार