उस दिल का मित्रों क्या कहना !
जो काम किसी के आ जाए
उस दिन का मित्रों क्या कहना !
जो बीते कल को न रोए
आने वाले से मुक्त रहे
है आज-अभी मौजूद जो उस
पल-छिन का मित्रों क्या कहना !
======================
"है आज-अभी मौजूद जो उस पल-छिन का मित्रों क्या कहना !"उस पल की हकीक़त क्या कहयेजिस पल में जीना सीख लिया कभी लिखा था ... याद नहीं कहाँ ... आप रोज़ एक ऐसी बात ले के आते हैं कि सोचना पड़ता है. बड़ी मुश्किल खड़ी कर देते हैं ..
बहुत खूब-उस दिन का मित्रों क्या कहना!जो बीते कल को न रोएआने वाले से मुक्त रहे
आम भाषा सटीक उद्गार !
क्या कहना !
जैन साहेब..ओये तेरा क्या कहना...बहुत खूब बंधूनीरज
dosti ka koi substitute nahi hota....
bahut khoob...
समय जिसे न बाँध सकेउस दिल का मित्रों क्या कहना !जो काम किसी के आ जाएउस दिन का मित्रों क्या कहना बहुत अच्छा लिखा है। बधाई स्वीकारें।
आभार आप सब काअंतर्मन से.=========चन्द्रकुमार
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10 comments:
"है आज-अभी मौजूद जो उस
पल-छिन का मित्रों क्या कहना !"
उस पल की हकीक़त क्या कहये
जिस पल में जीना सीख लिया
कभी लिखा था ... याद नहीं कहाँ ...
आप रोज़ एक ऐसी बात ले के आते हैं कि सोचना पड़ता है. बड़ी मुश्किल खड़ी कर देते हैं ..
बहुत खूब-
उस दिन का मित्रों क्या कहना!
जो बीते कल को न रोए
आने वाले से मुक्त रहे
आम भाषा सटीक उद्गार !
क्या कहना !
जैन साहेब..ओये तेरा क्या कहना...बहुत खूब बंधू
नीरज
dosti ka koi substitute nahi hota....
bahut khoob...
समय जिसे न बाँध सके
उस दिल का मित्रों क्या कहना !
जो काम किसी के आ जाए
उस दिन का मित्रों क्या कहना
बहुत अच्छा लिखा है। बधाई स्वीकारें।
आभार आप सब का
अंतर्मन से.
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चन्द्रकुमार
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