मुश्किलों से लड़ते रहने की प्रेरणा देती अनमोल रचना... एक बार और कहना चाहूँगा आपकी रचना में कलिष्टता की जगह सहजता और सुन्दरता है !
परसाईजी ने एक जगह व्यंग लिखा है 'कवि की बात समझ में आ जाए तो कवि काहे का !' और सच में अधिकतर ऐसी ही कविता होती है जो समझने के लिए बहुत दिमाग लगाओ और छोटी सी बात निकलती है... आपकी कवितायें ठीक इसके विपरीत होती हैं. यहाँ आना कभी व्यर्थ नहीं जाता.
8 comments:
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बहुत अच्छा लिखा है।
पतझड़ तो गहरा आया
लेकिन मैंने मधुमास बनाया
बहुत अच्छा है भाई.
पतझड़ तो गहरा आया
लेकिन मैंने मधुमास बनाया
बहुत ही सुन्दर
धन्यवाद
बहुत सुंदर! ...मुश्किल नहीं है कुछ भी अगर ठान लीजिये!
मुश्किलों से लड़ते रहने की प्रेरणा देती अनमोल रचना... एक बार और कहना चाहूँगा आपकी रचना में कलिष्टता की जगह सहजता और सुन्दरता है !
परसाईजी ने एक जगह व्यंग लिखा है 'कवि की बात समझ में आ जाए तो कवि काहे का !' और सच में अधिकतर ऐसी ही कविता होती है जो समझने के लिए बहुत दिमाग लगाओ और छोटी सी बात निकलती है... आपकी कवितायें ठीक इसके विपरीत होती हैं. यहाँ आना कभी व्यर्थ नहीं जाता.
आभार आपका !
आप सब के सद्भाव पूर्ण
प्रेरक उद्गार का आभार.
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डॉ.चन्द्रकुमार जैन
खूबसूरत भाव दर्शाती बढ़िया कविता...बधाई
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