Monday, September 29, 2008

जीवन का नर्तन हो...!

इस तरह रचो यह जीवन
कि संगीत सहज सब मन भावन हो
इस तरह जियो यह जीवन
कि हर पल,हर क्षण नित ही पावन हो
टूटी-बिखरी बातों से बोलो
बात बनेगी कैसे प्यारे
इस तरह रहो जीवन में
कि जीवन में जीवन का नर्तन हो।
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7 comments:

Anil Pusadkar said...

अच्छी और सच्ची कविता।

रंजू भाटिया said...

इस तरह रचो यह जीवन
कि संगीत सहज सब मन भावन हो
इस तरह जियो यह जीवन
कि हर पल,हर क्षण नित ही पावन हो

बहुत अच्छा लिखा है आपने

makrand said...

इस तरह रचो यह जीवन
कि संगीत सहज सब मन भावन हो

kathin hey jivan me ye
ho jana itna saral

beautiful lines
regards

गोविंद गोयल, श्रीगंगानगर said...

life is neither a "mid summer night dream" nor a "tempest" take it "as u like it"

रंजना said...

bhaav aur shabd ka sundar abhivyanjan hai.

Udan Tashtari said...

बेहद खूबसूरत...बेहतरीन..

राज भाटिय़ा said...

एक बहुत ही सुनदर रचना
धन्यवाद