पाने की कला सीखो
संकट सभी तुम सहज
झेल जाने की कला सीखो
मैदान है एक खेल का
मित्रों ये सारी ज़िंदगी
इसमें उतर के पाँव
जमाने की कला सीखो
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मैदान है एक खेल कामित्रों ये सारी ज़िंदगीइसमें उतर के पाँव जमाने की कला सीखोबहुत खूब। वाह। कम शब्द में अच्छी प्रस्तुति। मैं कहना चाहता हूँ कि-रो कर मैंने हँसना सीखा, गिरकर उठना सीख लिया।आते जाते हर मुश्किल से, डटकर लडना सीख लिया।। सादर श्यामल सुमन09955373288मुश्किलों से भागने की अपनी फितरत है नहीं।कोशिशें गर दिल से हो तो जल उठेगी खुद शमां।।www.manoramsuman.blogspot.com
आपकी लाइनों में जीने की सीख तो बखूबी मिलती ही है... इसमें अब कोई संशय नहीं !
इसमें उतर के पाँवजमाने की कला सीखोआभार .......
शब्दशः सत्य कथन.सुंदर ढंग से आपने कहा,आभार.
बहुत ही अच्छी कविता
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मैदान है एक खेल का
मित्रों ये सारी ज़िंदगी
इसमें उतर के पाँव
जमाने की कला सीखो
बहुत खूब। वाह। कम शब्द में अच्छी प्रस्तुति। मैं कहना चाहता हूँ कि-
रो कर मैंने हँसना सीखा, गिरकर उठना सीख लिया।
आते जाते हर मुश्किल से, डटकर लडना सीख लिया।।
सादर
श्यामल सुमन
09955373288
मुश्किलों से भागने की अपनी फितरत है नहीं।
कोशिशें गर दिल से हो तो जल उठेगी खुद शमां।।
www.manoramsuman.blogspot.com
आपकी लाइनों में जीने की सीख तो बखूबी मिलती ही है... इसमें अब कोई संशय नहीं !
इसमें उतर के पाँव
जमाने की कला सीखो
आभार .......
शब्दशः सत्य कथन.सुंदर ढंग से आपने कहा,आभार.
बहुत ही अच्छी कविता
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