बहुत बढिया! अध्यात्म की ओर जा रहे हैं।जारी रहे।बधाई।
राज कब परवाज के पंछी अचानक खोलतें हैं आभार
वाह! बहुत सुंदर लिखा है.
वाह वाह डॉ साहब !
Bahut sundar.
मुसाफ़िर जाएगा कहाँ ? सच मे हम पता नःई किस ओर जा रहै है,धन्यवाद एक छोटी लेकिन सुन्दर कविता के लिये
अति सुन्दर !
दौड़ में शामिल सभी हैंवे बड़े हैं बोलते हैं सार्थक रचना. शुभकामनायें आपको.
Post a Comment
8 comments:
बहुत बढिया! अध्यात्म की ओर जा रहे हैं।जारी रहे।बधाई।
राज कब परवाज के पंछी अचानक खोलतें हैं
आभार
वाह! बहुत सुंदर लिखा है.
वाह वाह डॉ साहब !
Bahut sundar.
मुसाफ़िर जाएगा कहाँ ? सच मे हम पता नःई किस ओर जा रहै है,
धन्यवाद एक छोटी लेकिन सुन्दर कविता के लिये
अति सुन्दर !
दौड़ में शामिल सभी हैं
वे बड़े हैं बोलते हैं
सार्थक रचना. शुभकामनायें आपको.
Post a Comment