दुःख से भाग नहीं पाओगे।
जितना सुख जग को बाँटोगे
उतना गुना सहज पाओगे।।
एक प्रतिध्वनि यह जीवन है
दिया हुआ वापस मिलता है।
सुख-दुःख में सम रह पाए तो
अहा! ज़िंदगी कह पाओगे !!
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जितना सुख जग को बाँटोगेउतना गुना सहज पाओगे।। achchi kavitaa hai,badhai.
behad khubsurat kavita bahot hi khub kaha hai aapne... aap jaise bidwano ko bhala main kya badhai de sakta hun....abhar arsh
प्रिय अर्श,आपकी शुभकामनाएँ बहुत मूल्य रखती है.हमारा स्नेह पूर्ण आशीष है कि आप निरंतर आगे बढ़ें.=======================डॉ.चन्द्रकुमार जैन
sachi baat sundar
एक प्रतिध्वनि यह जीवन है दिया हुआ वापस मिलता है। shashvat satya.sundarta se satya ka udghatan kiya aapne.
सत्कर्मों का जोड़ लगाना।पाप पुण्य को रिज घटाना।गुणा करोगे समय से उसको,तब सच्चा फल पाओगे।।सादर श्यामल सुमन09955373288मुश्किलों से भागने की अपनी फितरत है नहीं।कोशिशें गर दिल से हो तो जल उठेगी खुद शमां।।www.manoramsuman.blogspot.com
"सुख-दुःख में सम रह पाए तो" सुख है तो बाँट लो... दुःख है तो सम रहो ! बहुत अच्छी लगी ये कविता भी.
जितना सुख जग को बाँटोगेउतना गुना सहज पाओगे।। एक प्रतिध्वनि यह जीवन है अद्वितीय रचना....कम शब्दों में गहरी बात कहना आप के ही बस की बात है...क्या कहूँ.....वाह...नीरज
जितना सुख जग को बाँटोगेउतना गुना सहज पाओगे।। प्रेरणादायक और ज्ञानवर्धक कविता के लिए बारम्बार बधाई
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9 comments:
जितना सुख जग को बाँटोगे
उतना गुना सहज पाओगे।।
achchi kavitaa hai,badhai.
behad khubsurat kavita bahot hi khub kaha hai aapne... aap jaise bidwano ko bhala main kya badhai de sakta hun....
abhar
arsh
प्रिय अर्श,
आपकी शुभकामनाएँ
बहुत मूल्य रखती है.
हमारा स्नेह पूर्ण आशीष है कि
आप निरंतर आगे बढ़ें.
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डॉ.चन्द्रकुमार जैन
sachi baat sundar
एक प्रतिध्वनि यह जीवन है
दिया हुआ वापस मिलता है।
shashvat satya.
sundarta se satya ka udghatan kiya aapne.
सत्कर्मों का जोड़ लगाना।
पाप पुण्य को रिज घटाना।
गुणा करोगे समय से उसको,
तब सच्चा फल पाओगे।।
सादर
श्यामल सुमन
09955373288
मुश्किलों से भागने की अपनी फितरत है नहीं।
कोशिशें गर दिल से हो तो जल उठेगी खुद शमां।।
www.manoramsuman.blogspot.com
"सुख-दुःख में सम रह पाए तो" सुख है तो बाँट लो... दुःख है तो सम रहो ! बहुत अच्छी लगी ये कविता भी.
जितना सुख जग को बाँटोगे
उतना गुना सहज पाओगे।।
एक प्रतिध्वनि यह जीवन है
अद्वितीय रचना....कम शब्दों में गहरी बात कहना आप के ही बस की बात है...क्या कहूँ.....वाह...
नीरज
जितना सुख जग को बाँटोगे
उतना गुना सहज पाओगे।।
प्रेरणादायक और ज्ञानवर्धक कविता के लिए बारम्बार बधाई
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