किसी की राह में चलना
किसी की याद में घुलना
किसी की बात में रमना
मुनासिब है चलो माना
किसी साँचे में भी ढलना
मगर सबसे बड़ी नेमत
मेरी नज़रों में है मित्रों !
कठिन हो जब समय तब चुप
किसी की आह को सुनना...!
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कठिन हो जब समय तब चुप किसी की आह को सुनना...!bahut khub.
आप को पढ़ना हमेशा अच्छा लगता है।
जैन साहब नमस्कार,बहोत खूब लिखा है आपने आखिर में मानवता का पाठ पद्य बहोत खूब ,बहोत बढ़िया रचना पढ़ा ...मेरी नई ग़ज़ल पे आपकी टिप्पणी का इंतजार रहेगा ...अर्श
बेहतरीनसकारात्मक ऊर्जा से भरपूर...वाह..
bahut sahi kaha,sundar
बहुत ही सुंदर.आप शव्दो के जादुगर लगते है.धन्यवाद
sab kuch ho sakta hai magar kisi ke gam ko bantna har kisi ke baski bat nhi.......bahut achchi rachna
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7 comments:
कठिन हो जब समय तब चुप
किसी की आह को सुनना...!
bahut khub.
आप को पढ़ना हमेशा अच्छा लगता है।
जैन साहब नमस्कार,
बहोत खूब लिखा है आपने आखिर में मानवता का पाठ पद्य बहोत खूब ,बहोत बढ़िया रचना पढ़ा ...
मेरी नई ग़ज़ल पे आपकी टिप्पणी का इंतजार रहेगा ...
अर्श
बेहतरीन
सकारात्मक ऊर्जा से
भरपूर...
वाह..
bahut sahi kaha,sundar
बहुत ही सुंदर.आप शव्दो के जादुगर लगते है.
धन्यवाद
sab kuch ho sakta hai magar kisi ke gam ko bantna har kisi ke baski bat nhi.......bahut achchi rachna
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