मिली हुई दुनिया की दौलत
भूल न जाना माटी है !
हाथ न आई है जो अब तक
दौलत वही लुभाती है !
लेकिन इस खोने-पाने की
होड़-दौड़ भी अद्भुत है,
भूल गए हम जीना भी है
साँस भी आती-जाती है !
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लेकिन इस खोने-पाने की होड़-दौड़ भी अद्भुत है,भूल गए हम जीना भी हैसाँस भी आती-जाती है !kitne suder shabd hai....bahut khoob
हाथ न आई जो अब तक दौलत वहि सुहाती है क्या खूब कहा है सुन्दर्
भूल गए हम जीना भी हैसाँस भी आती-जाती है !-बहुत खूब!!
'हाथ न आई जो अब तक…' बहुत सुन्दर! 'we look before and after, and pine for what is not...'
Waah ! Bahut sundar...Sankshipt shbdon me aap bahut badi badi baaten kah jate hain.
बहुत सुंदर! सच है. जीना अब साँस के आने-जाने तक सिमट के रह गया है.
आप की कविताएँ जीवन सिखाती हैं।
"मिली हुई दुनिया की दौलतभूल न जाना माटी है"यह सच समझा जा सके, काश! बहुत प्यारी-सी कविता.धन्यवाद.
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8 comments:
लेकिन इस खोने-पाने की
होड़-दौड़ भी अद्भुत है,
भूल गए हम जीना भी है
साँस भी आती-जाती है !
kitne suder shabd hai....bahut khoob
हाथ न आई जो अब तक दौलत वहि सुहाती है क्या खूब कहा है सुन्दर्
भूल गए हम जीना भी है
साँस भी आती-जाती है !
-बहुत खूब!!
'हाथ न आई जो अब तक…'
बहुत सुन्दर!
'we look before and after,
and pine for what is not...'
Waah ! Bahut sundar...
Sankshipt shbdon me aap bahut badi badi baaten kah jate hain.
बहुत सुंदर!
सच है. जीना अब साँस के आने-जाने तक सिमट के रह गया है.
आप की कविताएँ जीवन सिखाती हैं।
"मिली हुई दुनिया की दौलतभूल न जाना माटी है"
यह सच समझा जा सके, काश! बहुत प्यारी-सी कविता.
धन्यवाद.
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