क्यों यहाँ हर शख्स औरों में
किसी की खोज में है ?
ख़बर अपनी ही नहीं उसको
न ही वह होश में है !
पाँव के नीचे ज़मीं
चाहे न हो पर देखिए तो
आसमां की बुलंदी छूने की
ख़्वाहिश जोश में है !
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खोज तो कभी खत्म नही होती है .सुंदर रचना
पाँव के नीचे ज़मीं हो तभी आसमां की बुलंदी छूने की ख़्वाहिश रखनी चाहिए.....बधाई सुंदर रचना के लिए।
ऐसी ख्वाहिश भी तो जरुरी है.बढ़िया रचना!!
बहुत सुंदर रचना।
bahut sunder rachna hai
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5 comments:
खोज तो कभी खत्म नही होती है .सुंदर रचना
पाँव के नीचे ज़मीं हो तभी आसमां की बुलंदी छूने की ख़्वाहिश रखनी चाहिए.....बधाई सुंदर रचना के लिए।
ऐसी ख्वाहिश भी तो जरुरी है.
बढ़िया रचना!!
बहुत सुंदर रचना।
bahut sunder rachna hai
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