Saturday, March 20, 2010

ख़ूब कही.....!

जीवन हमें जो ताश के पत्ते देता है,
उन्हें हर खिलाड़ी को स्वीकार करना पड़ता है।
लेकिन जब पत्ते हाथ में आ जाएँ,
तो खिलाड़ी को यह तय करना ही होता है कि
वह उन पत्तों को किस तरह से खेले
कि.....वह बाज़ी जीत सके।
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वाल्टेयर
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बोले या लिखे गए दुखद शब्दों में
सबसे दुखद शब्द हैं.....
" मैं यह काम कर सकता था। "
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व्हिटियर
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