Sunday, September 30, 2012

छोटे-छोटे काम करें बड़े दिल से...

डॉ.चन्द्रकुमार जैन
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आम तौर पर मदर टेरेसा के कोलकाता स्थित
अनाथालय की दीवार पर एक
कवितानुमा सुभाषित पढ़कर आप
दो पल के लिए ही सही, ठहर जायेंगे और
कुछ सोचने-समझने
के लिए भी विवश हो जायेंगे.
अंग्रेजी में लिखित केंट केथ की उन पंक्तियों का भावानुवाद
यहाँ प्रस्तुत कर रहा हूँ. अनुवाद मैंने स्वयं किया है.
 मदर टेरेसा के प्रति श्रद्धा भाव पूर्वक
सिर्फ़ एक विनम्र प्रयास -
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लोग आपके प्रति

अक्सर अवास्तविक,

अतार्किक और आत्मकेंद्रित हो सकते हैं.

फिर भी आप उन्हें माफ़ कर दें.
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हो सकता है आप दयालु हों

लेकिन लोग आपको स्वार्थी

और छुपी हुई मंशा का व्यक्ति मान सकते हैं

फिर भी

आप उनके प्रति दयालु बने रहें.
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आप अगर सफल होते हैं तो

आपके हिस्से आयेंगे

कुछ गलत मित्र और कुछ सही दुश्मन !

फिर भी

आप आगे बढ़ते रहें.
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अगर आप ईमानदार और दो टूक हैं

लोग आपको धोखा दे सकते हैं

फिर भी

ईमानदारी और बेबाकी मत छोड़ें.
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आपने वर्षों मेहनत करके

जो निर्माण किया है

लोग उसे रातों रात नष्ट कर सकते हैं

फिर भी आप सृजन जारी रखें.
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अगर आप सुखी और शांत हैं

लोग आपसे ईर्ष्या कर सकते हैं

फिर भी आप खुशमिजाजी बनाए रखें.
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आप अगर आज कोई भलाई करते हैं

लोग उसे कल भुला सकते हैं

फिर भी

भलाई की राह न छोड़ें.
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अगर आपने दुनिया को

अपना सर्वश्रेष्ठ भी दे दिया हो

और वह भी कम पड़े

फिर भी बेहतर देने का ज़ज्बा न छोड़ें.
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आप अंततः देखेंगे कि ज़िन्दगी में

सब कुछ

आपके और ईश्वर के बीच ही घटित होता है

किसी भी तरह से

आपके और लोगों के बीच नहीं !
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याद रखें,

हम कोई बड़ा काम भले ही न कर सकते हों  

लेकिन छोटे-छोटे काम

बड़े दिल से जरूर कर सकते हैं !

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