Thursday, May 1, 2008

मई दिवस पर.....नमन !


ख़ुद मेहनत और पसीने से
जो मिल जाए वह खाते हैं
संसार सुखी जो बना रहे
पर सब दुःख ख़ुद पी जाते है
जिन श्रमवीरों के हाथों की
मिट गईं लकीरें उन्हें नमन
जिनकी फौलादी हिम्मत से
टूटीं जंजीरें उन्हें नमन ....!

5 comments:

डॉ .अनुराग said...

sachmuch naman unhe.....

दिनेशराय द्विवेदी said...

उन्हें नमन, नमन उन्हें भी, जो तोड़ेंगे इन्साँ की बेड़याँ।

Prabhakar Pandey said...

डाक्टर साहब। कमाल की रचना। सामयिक और यथार्थ।

Udan Tashtari said...

हमारा भी नमन

mehek said...

hamara bhi naman unhe,bahut sundar