सौ-सौ तरह से खुश है ये दिल झूम रहा है
जब आपने पूछा है तो फिर पूछना है क्या !
वो दूर अंधेरे में चमकता है जो जाने क्या है
अच्छा तो मेरा दिल अभी जल ही रहा है !
============================
- सलीम अहमद ज़ख्मी
कभी सपने में भी सोचा न था ये हादसा होगा
मैं तुमको भूल जाऊंगा ये मेरा फ़ैसला होगा
जुनूं पल भर का है ठहरो जरा सोचो कहा मानो
अगर नफ़रत भड़क उठी तो किसका फायदा होगा ====================================
- अब्दुस्सलाम कौसर
जब आपने पूछा है तो फिर पूछना है क्या !
वो दूर अंधेरे में चमकता है जो जाने क्या है
अच्छा तो मेरा दिल अभी जल ही रहा है !
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- सलीम अहमद ज़ख्मी
कभी सपने में भी सोचा न था ये हादसा होगा
मैं तुमको भूल जाऊंगा ये मेरा फ़ैसला होगा
जुनूं पल भर का है ठहरो जरा सोचो कहा मानो
अगर नफ़रत भड़क उठी तो किसका फायदा होगा ====================================
- अब्दुस्सलाम कौसर
6 comments:
बेहतरीन शेर चुने हैं आप ने जैन साहेब...मजा आ गया.
नीरज
"कभी सपने में भी सोचा न था ये हादसा होगा
मैं तुमको भूल जाऊंगा ये मेरा फ़ैसला होगा"
"जुनूं पल भर का है ठहरो जरा सोचो कहा मानों
अगर नफरत भड़क उठी तो किसका फायदा होगा"
बहुत खूब.
शायर ने क्या खूब कहा है.
आभार.
आप तो जौहरी निकले... पढ़कर मजा आ गया।
जवाब नहीं भाई. कमाल के शेर. क्या बात है.
बहुत सुन्दर चयन है. वाह जी. ऐसे ही लाते रहें, हमें बहलाते रहें.
शुक्रिया आप सब का.
चंद्रकुमार
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