
एहसास नहीं मन को विश्वास चाहिए
तूफ़ान नहीं जीने को साँस चाहिए
लाख समंदर भी कम होंगे ज़िंदगी में
बस अधरों पर जरा-सी प्यास चाहिए
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हार को जीत में बदलने की कला सीखो
रुदन को गीत में बदलने की कला सीखो
ज़िंदगी की हकीक़त पा जाओगे मगर
घृणा को प्रीत में बदलने की कला सीखो
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8 comments:
ज़िंदगी की हकीक़त पा जाओगे मगर
घृणा को प्रीत में बदलने कला सीखो
बहुत खूब . यह सब सीख ले तो आधी समस्या हल दुनिया की :)
bahut khubsurat ehsaas badhai
हार को जीत में बदलने की कला सीखो
रुदन को गीत में बदलने की कला सीखो
ज़िंदगी की हकीक़त पा जाओगे मगर
घृणा को प्रीत में बदलने कला सीखो
its awesome
वाह ! क्या बात है.
"लाख समंदर भी कम होंगे ज़िंदगी में
बस अधरों पर जरा-सी प्यास चाहिए"
जी भाई साहब. इसी ज़रा सी प्यास की बात करें बस.
बहुत ही बढ़िया. बधाई.
बहुत बढि़या।
बहुत सुन्दर !
घुघूती बासूती
सुंदर!
अति सुंदर!
बधाई.
आप सब के स्नेह-सरोकार से
सृजन...चिंतन...प्रस्तुति को
गति मिलती है.....आभार.
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डा.चंद्रकुमार जैन
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