जिनके पाँवों के नीचेज़मीं बच गईज़िंदगी,ज़िंदगी मेंउन्हें रच गईबहुत सही है जैन साहब. ये ज़मीन ही तो वुजूद है. क्या बात है.
पावों तले जिन के न रही जमींसब के सब हवा हो गए।
चमत्कृत!आप गागर में सागर ले आते है.आभार.
वाह!! अति सुन्दर.
मीतद्विवेदी जीबालकिशन जीऔरसमीर साहब.आपका आभार==============चन्द्रकुमार
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जिनके पाँवों के नीचे
ज़मीं बच गई
ज़िंदगी,ज़िंदगी में
उन्हें रच गई
बहुत सही है जैन साहब. ये ज़मीन ही तो वुजूद है. क्या बात है.
पावों तले
जिन के
न रही जमीं
सब के सब
हवा हो गए।
चमत्कृत!
आप गागर में सागर ले आते है.
आभार.
वाह!! अति सुन्दर.
मीत
द्विवेदी जी
बालकिशन जी
और
समीर साहब.
आपका आभार
==============
चन्द्रकुमार
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