कविता में आप ने बहुत अच्छा संदेश दिया है, आभार। आदमी को बस आदमी की नजर से देखा जाए तो फिर दुनिया में कोई समस्या ही नहीं रहेगी।
ईश्वर आपकी आशा पुरी करें ! शुभकामनायें !
क्या बात है!
waah...bahut badhiya.
आप की कविता साकार हो जाये, हम सब जाग जाये,धन्यवाद
बहुत दिनों बाद आपके चिट्ठे पर आयी हूं,सारी कवितायें पढ कर बहुत अच्छा लगा.आपकी सेन्सिटिविटी और रचनात्मकता दोनों ही प्रणाम की हकदार हैं.सादर प्रणाम.
आदमी को आदमी कीनज़र से बस देखना बहुत बढ़िया लिखा है आपने
bahut sunder bhav aur chitra-sanyojan bhi.badhai.kabhi raipua aayen to miliyega achha lagega
बहुत सुन्दर लिखा है। बधाई
आप सब का आभार ============================अनिल भाई, आज ही रायपुर गया था.मावलीप्रसाद साहित्य पीठ में व्याख्यान देने.स्पेक्ट्रम में था आयोजन.फिर कभी आया तो ज़रूर मिलूंगा आपसे.मुझे भी खुशी होगी.आपकाडा.चन्द्रकुमार जैन
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10 comments:
कविता में आप ने बहुत अच्छा संदेश दिया है, आभार। आदमी को बस आदमी की नजर से देखा जाए तो फिर दुनिया में कोई समस्या ही नहीं रहेगी।
ईश्वर आपकी आशा पुरी करें ! शुभकामनायें !
क्या बात है!
waah...bahut badhiya.
आप की कविता साकार हो जाये, हम सब जाग जाये,धन्यवाद
बहुत दिनों बाद आपके चिट्ठे पर आयी हूं,सारी कवितायें पढ कर बहुत अच्छा लगा.आपकी सेन्सिटिविटी और रचनात्मकता दोनों ही प्रणाम की हकदार हैं.सादर प्रणाम.
आदमी को आदमी की
नज़र से बस देखना
बहुत बढ़िया लिखा है आपने
bahut sunder bhav aur chitra-sanyojan bhi.badhai.kabhi raipua aayen to miliyega achha lagega
बहुत सुन्दर लिखा है। बधाई
आप सब का आभार
============================
अनिल भाई,
आज ही रायपुर गया था.
मावलीप्रसाद साहित्य पीठ में
व्याख्यान देने.स्पेक्ट्रम में था आयोजन.
फिर कभी आया तो ज़रूर मिलूंगा आपसे.
मुझे भी खुशी होगी.
आपका
डा.चन्द्रकुमार जैन
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