जिन्हें मिला जयहार
कर्म उन्हीं का सफल है जिनको
मिल पाया अधिकार
जाने कितने मिलते और
बिछुड़ जाते हैं पथ पर
याद उन्हीं की रहती जिनसे
मिलता है कुछ प्यार
=================
एक और खुबसूरत मोती !
bahut shaandar!Regards,Vivek
वाह ! डॉ साहब !अभिषेक जी से पूरी तौर पर सहमत हूँ ! क्या मोती दिए हैं आपने !
Dr saheb, aapki rachnayen padhne men anand aajata hai. Lagta hai ki vastav men srijan to yahi hota hai. aaj wali panktiyan to main note kar raha hun.
Aur han, pahli line men shayad typing ki truti rahi hai, hai ke sthan par main chhap gaya hai, dekh leven.
बहुत सुंदर...शब्द और पंक्तियों के लिहाज से देखें तो छोटी...लेकिन भाव और संदेश के लिहाज से बहुत बड़ी रचना.
vah vah........
आपको पहली बार पढ़ा। बहुत अच्छा लिखते हैं। लिखना जारी रखें।
आप सब का आभारश्रीकांत जी,मैंने संशोधन कर दिया है,शुक्रिया आपके स्नेह भाव के लिए.========================शुभकामनाओं सहितडॉ.चन्द्रकुमार जैन
हमेशा सी सुंदर बात इस में भी
बहुत उम्दा-सुन्दर.-----------------------निवेदनआप लिखते हैं, अपने ब्लॉग पर छापते हैं. आप चाहते हैं लोग आपको पढ़ें और आपको बतायें कि उनकी प्रतिक्रिया क्या है. ऐसा ही सब चाहते हैं.कृप्या दूसरों को पढ़ने और टिप्पणी कर अपनी प्रतिक्रिया देने में संकोच न करें.हिन्दी चिट्ठाकारी को सुदृण बनाने एवं उसके प्रसार-प्रचार के लिए यह कदम अति महत्वपूर्ण है, इसमें अपना भरसक योगदान करें.-समीर लाल-उड़न तश्तरी
चन्द्र जी आप लिखते चार लाईने ही हॆ, लेकिन अर्थ जिन्दगी भर की सीख का होता हे,धन्यवाद इस सुन्दर कविता के लिये
शुक्रियारंजना जीसमीर साहब और राज साहब.समीर साहब...आपने पते की बात कही है.मेरी अपनी कोशिश ऐसी ही रहती है,लेकिनआपका यह संदेश हम सब को सब तक पहुँचाना चाहिए.================================डॉ.चन्द्रकुमार जैन
याद उन्हीं की रहती जिनसेमिलता है कुछ प्यार बहुत सुंदर!
धन्यवाद आपको.===============डॉ.चन्द्रकुमार जैन
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15 comments:
एक और खुबसूरत मोती !
bahut shaandar!
Regards,
Vivek
वाह ! डॉ साहब !
अभिषेक जी से पूरी तौर पर सहमत हूँ ! क्या मोती दिए हैं आपने !
Dr saheb, aapki rachnayen padhne men anand aajata hai. Lagta hai ki vastav men srijan to yahi hota hai. aaj wali panktiyan to main note kar raha hun.
Aur han, pahli line men shayad typing ki truti rahi hai, hai ke sthan par main chhap gaya hai, dekh leven.
बहुत सुंदर...शब्द और पंक्तियों के लिहाज से देखें तो छोटी...लेकिन भाव और संदेश के लिहाज से बहुत बड़ी रचना.
vah vah........
आपको पहली बार पढ़ा। बहुत अच्छा लिखते हैं। लिखना जारी रखें।
आप सब का आभार
श्रीकांत जी,
मैंने संशोधन कर दिया है,
शुक्रिया आपके स्नेह भाव के लिए.
========================
शुभकामनाओं सहित
डॉ.चन्द्रकुमार जैन
हमेशा सी सुंदर बात इस में भी
बहुत उम्दा-सुन्दर.
-----------------------
निवेदन
आप लिखते हैं, अपने ब्लॉग पर छापते हैं. आप चाहते हैं लोग आपको पढ़ें और आपको बतायें कि उनकी प्रतिक्रिया क्या है.
ऐसा ही सब चाहते हैं.
कृप्या दूसरों को पढ़ने और टिप्पणी कर अपनी प्रतिक्रिया देने में संकोच न करें.
हिन्दी चिट्ठाकारी को सुदृण बनाने एवं उसके प्रसार-प्रचार के लिए यह कदम अति महत्वपूर्ण है, इसमें अपना भरसक योगदान करें.
-समीर लाल
-उड़न तश्तरी
चन्द्र जी आप लिखते चार लाईने ही हॆ, लेकिन अर्थ जिन्दगी भर की सीख का होता हे,धन्यवाद इस सुन्दर कविता के लिये
शुक्रिया
रंजना जी
समीर साहब और राज साहब.
समीर साहब...आपने पते की बात कही है.
मेरी अपनी कोशिश ऐसी ही रहती है,
लेकिन
आपका यह संदेश
हम सब को सब तक पहुँचाना चाहिए.
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डॉ.चन्द्रकुमार जैन
याद उन्हीं की रहती जिनसे
मिलता है कुछ प्यार
बहुत सुंदर!
धन्यवाद आपको.
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डॉ.चन्द्रकुमार जैन
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