ग़मगीन का साथ छोड़ देती हैं
ग़म की आंधी
खुशी की राहों को मोड़ देती है
हो साफ़ दिल तो
छल-कपट की बात भी क्यों हो
मतलब परस्ती
दिल का रिश्ता तोड़ देती है
====================
सच्ची बात
बहुत खूब !
Bahut achche.guptasandhya.blogspot.com
सही है भाई.
रिश्ता दिल का हो तो मतलब परस्ती कहाँ होगी। कुछ रिश्ते में ही गड़बड़ होगी।
मतलब परस्ती दिल का रिश्ता तोड़ देती हैबिलकुल सही लिखा आप ने,धन्यवाद
sach likha hai.
जैन साहेब आप के ब्लॉग पर आयें और बिना कुछ सीख लिए चले जायें ऐसा कभी नहीं हुआ...इस बार भी....हमेशा की तरह प्रेरक रचना...नीरज
मतलब परस्ती दिल का रिश्ता तोड़ देती हैबहुत खूब!
वाह जैन साहब, बहुत बढ़िया!!
बढ़िया...जैन जी, छत्तीसगढ़ की महक है.
sach hai . badhiya rachana .
बहुत ही अच्छी रचना
Waah ! ekdam satya kaha.bahut sundar
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14 comments:
सच्ची बात
बहुत खूब !
Bahut achche.
guptasandhya.blogspot.com
सही है भाई.
रिश्ता दिल का हो तो मतलब परस्ती कहाँ होगी। कुछ रिश्ते में ही गड़बड़ होगी।
मतलब परस्ती
दिल का रिश्ता तोड़ देती है
बिलकुल सही लिखा आप ने,
धन्यवाद
sach likha hai.
जैन साहेब आप के ब्लॉग पर आयें और बिना कुछ सीख लिए चले जायें ऐसा कभी नहीं हुआ...इस बार भी....हमेशा की तरह प्रेरक रचना...
नीरज
मतलब परस्ती दिल का रिश्ता तोड़ देती है
बहुत खूब!
वाह जैन साहब, बहुत बढ़िया!!
बढ़िया...जैन जी, छत्तीसगढ़ की महक है.
sach hai . badhiya rachana .
बहुत ही अच्छी रचना
Waah ! ekdam satya kaha.bahut sundar
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