जिस दिन कुछ खोना भी खो जाएगा
जीवन मिल जाएगा
केवल पाने की चिन्ता में
जीवन-सुमन न खिल पायेगा
वही यहाँ है शासक जिसने
निज पर अनुशासन बरता हो
वरना जीत,जगत का वैभव
सब मिट्टी में मिल जाएगा
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Wednesday, January 7, 2009
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2 comments:
बहुत खूब. सुंदर रचना.
सच कहा सर...कि;
वही यहाँ है शासक जिसने
निज पर अनुशासन बरता हो
वरना जीत,जगत का वैभव
सब मिट्टी में मिल जाएगा
वही यहाँ है शासक जिसने
निज पर अनुशासन बरता हो
वरना जीत,जगत का वैभव
सब मिट्टी में मिल जाएगा
बहुत ही सुंदर, ओर सच कहा आप ने अपनी इस कविता मै.
धन्यवाद
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