परिधान बन गया
ईंटों को जोड़ा तो
मकान बन गया
बिखरे कणों को शक्ति के
जिसने सँजोकर रख लिया
वह आदमी से एक अदद
इंसान बन गया...!
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आपको लोहडी और मकर संक्रान्ति की शुभकामनाएँ....
bahut hi sarthak rachna hai bdhai
बहुत सुंदर डाक्टसाब...आपने तो इन्सान की नई परिभाषा रच दी...आनंद आया...
waah bahut khub
बहुत सुंदर.धन्यवाद
बहुत खूब है।
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6 comments:
आपको लोहडी और मकर संक्रान्ति की शुभकामनाएँ....
bahut hi sarthak rachna hai bdhai
बहुत सुंदर डाक्टसाब...आपने तो इन्सान की नई परिभाषा रच दी...
आनंद आया...
waah bahut khub
बहुत सुंदर.
धन्यवाद
बहुत खूब है।
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