सबकी पूजा एक सी अलग अलग है रीत ! मस्जिद जाए मौलवी, कोयल गाये गीत !!
आपने जिस रीत की पूजा तय की वो सम्प्रदाय तो कब के नष्ट हो गए | इक्का दुक्का जो कर रहे हैं नास्तिक कहलाने लगे | भगवान का भी लाड उन्हें, जो उनकी चापलूसी करे |
असल देव उठनी कब होगी जब पूजा हर कोई आपकी पद्धति से करने लगेगा ?
किसी के काम आजाये हाथ तो पूजा हुई ""मनुष्य पूजा ही ईश्वर पूजा है "" परोपकाराय पुण्याय पापाय पर पीडनम् ""किसी का दर्द मिल सके तो ले उधार ,किसी के वास्ते हो तेरे दिल में प्यार जीना इसी का नाम है {राजकपूर )बहुत ही सुंदर पूजा कि विधि बताई "" घर से मस्जिद है बहुत दूर चलो यूँ करलें ,किसी रोते हुए बच्चे को हंसाया जावे /
6 comments:
आप की इस पूजा को नमन। हम तो इसी पूजा को पूजते हैं।
kitni sach baat aapne kuchh shabdon me kah di bdhaai
निदा फाज़ली का एक दोहा भी याद हो आया -
सबकी पूजा एक सी अलग अलग है रीत !
मस्जिद जाए मौलवी, कोयल गाये गीत !!
आपने जिस रीत की पूजा तय की वो सम्प्रदाय तो कब के नष्ट हो गए | इक्का दुक्का जो कर रहे हैं नास्तिक कहलाने लगे | भगवान का भी लाड उन्हें, जो उनकी चापलूसी करे |
असल देव उठनी कब होगी जब पूजा हर कोई आपकी पद्धति से करने लगेगा ?
- आर डी सक्सेना भोपाल
जेन साहब ,यह आप की बताई पुजा सच्ची पुजा है,
धन्यवाद
बहुत शानदार!रवीन्द्रनाथ टैगोर की 'Leave this chanting and singing'याद आ गई।
किसी के काम आजाये हाथ तो पूजा हुई ""मनुष्य पूजा ही ईश्वर पूजा है "" परोपकाराय पुण्याय पापाय पर पीडनम् ""किसी का दर्द मिल सके तो ले उधार ,किसी के वास्ते हो तेरे दिल में प्यार जीना इसी का नाम है {राजकपूर )बहुत ही सुंदर पूजा कि विधि बताई "" घर से मस्जिद है बहुत दूर चलो यूँ करलें ,किसी रोते हुए बच्चे को हंसाया जावे /
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