Monday, August 3, 2009

मीत अच्छा है.....!

दीप अच्छा है अगर जलता रहे
मीत अच्छा है अगर मिलता रहे
रास्ता तब तक दुखी होगा नहीं
एक राही हो मगर चलता रहे
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4 comments:

चन्दन कुमार said...

badhiya hai

मुकेश कुमार तिवारी said...

चन्द्रकुमार जी,

एक आशावादी दृष्टीकोण लिये हुये मुक्तक बहुत अच्छा लगा।

रास्ता तब तक दुखी होगा नहीं
एक राही हो मगर चलता रहे

शानदार बंध है।

सादर,

मुकेश कुमार तिवारी

नीरज गोस्वामी said...

सच्ची बात...
नीरज

रंजना said...

Waah !! Bilkul sahi !!