Wednesday, June 23, 2010

इच्छा उम्र से ज्यादा जीने की...!

घास को देखो
बार-बार उग आते हैं
नाखून बार-बार बढ़ जाते हैं
वैसे ही बाल भी
कितनी जिद है इनमें
उम्र से ज्यादा जीने की
इच्छा
बने रहने की....!
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भास्कर चौधरी की रचना साभार.

3 comments:

रंजना said...

Sachmuch....

कडुवासच said...

... bahut sundar !!!

Unknown said...
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