आँखें हुईं सजल कि ग़ज़ल हो गई समझो
आहें हुईं विरल कि ग़ज़ल हो गई समझो
सुनकर करुण पुकार मदद के लिए बढ़ीं
बाहें हुईं सबल कि ग़ज़ल हो गई समझो
क्या बात है साहब. वाह. आज यहाँ भी एक ग़ज़ल हो गई समझो.
beautiful lines
चन्दर जी आप की लेखनी सच मे सुन्दर लिखती हे .अति सुन्दर
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क्या बात है साहब. वाह. आज यहाँ भी एक ग़ज़ल हो गई समझो.
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चन्दर जी आप की लेखनी सच मे सुन्दर लिखती हे .अति सुन्दर
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