काश !
एक पल ही सही
बन जाएँ मेरी आँखें
एक ऐसे आइने की तरह
कि जो चाहे
देख सके इसमें
अपना सबसे सुंदर और
मनचाहा अक्स !
कि जी सके
अपनी ही चाहत का चेहरा
हर शख्स !
मेरी आँखों में
पल भर ही सही
काश........!!!
एक पल ही सही
बन जाएँ मेरी आँखें
एक ऐसे आइने की तरह
कि जो चाहे
देख सके इसमें
अपना सबसे सुंदर और
मनचाहा अक्स !
कि जी सके
अपनी ही चाहत का चेहरा
हर शख्स !
मेरी आँखों में
पल भर ही सही
काश........!!!
4 comments:
काश...!!!!!!!
बहुत खूब-काश..!!! ऐसा हो पाये/
आमीन......
धन्यवाद सुन्दर कविता के लिये
जैन साहेब
विलक्षण रचना...बहुत सुंदर शब्द और भाव. बधाई. काश ऐसा सबके साथ हो.
नीरज
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