छोटी-छोटी बात लिखूंगा।
दिन होगा तो दिन ही लिखूंगा,
ये न समझना रात लिखूंगा।।
लेकिन जब अनगिन लोगों ने,
कभी सुबह तक न देखी हो।
स्याह-स्याह उनकी रातों को,
कभी न दिन बेबात लिखूंगा।।
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salam from khudori.
क्या बात कही आपने...मैं तो सिर्फ़ इतना कहूँगा.
आप गर अच्छा लिखते रहेंगे,तारीफ़ करते-करते मै न थकूंगा।
बहुत गहरी अभिव्यक्ति, बधाई.
जरुर लिखिये!!
क्या बात है भाई.. बात छोटी तो नहीं .....
सत्य को सुन्दरता से शब्दों में बाँध रख दिया है आपने....बहुत सुंदर रचना.
बहुत सुंदर
बहुत ही सुन्दर पंक्तियां । साधुवाद ।
आप सब का आभारअंतर्मन से.....==========डॉ.चन्द्रकुमार जैन
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10 comments:
salam from khudori.
क्या बात कही आपने...
मैं तो सिर्फ़ इतना कहूँगा.
आप गर अच्छा लिखते रहेंगे,
तारीफ़ करते-करते मै न थकूंगा।
बहुत गहरी अभिव्यक्ति, बधाई.
जरुर लिखिये!!
क्या बात है भाई.. बात छोटी तो नहीं .....
सत्य को सुन्दरता से शब्दों में बाँध रख दिया है आपने....बहुत सुंदर रचना.
बहुत सुंदर
बहुत ही सुन्दर पंक्तियां । साधुवाद ।
आप सब का आभार
अंतर्मन से.....
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डॉ.चन्द्रकुमार जैन
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