अति बीहड़ जंगल है !
तेज रोशनी वालों को
इसमें दिखता मंगल है !!
और शेष तो इसमें आकर
भटक-भटक जाते हैं !
अल्प जीतते,अधिक हारते
यह तो वह दंगल है !!
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जीवन को देखने का सब का अपना अपना नजरिया है।आप ने अपने मनोभावॊ को बहुत सुन्दरता से प्रस्तुत किया है।बधाई।
बहुत सुंदर लिखा आप् ने.धन्यवाद
जीवन की इस परिभाषा ने गदगद के दिया...आप की विलक्षण लेखनी को प्रणाम नीरज
ज़िँदगी को देखने का ये नज़रिया पसँद आया.सुँदर भाव.
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4 comments:
जीवन को देखने का सब का अपना अपना नजरिया है।आप ने अपने मनोभावॊ को बहुत सुन्दरता से प्रस्तुत किया है।बधाई।
बहुत सुंदर लिखा आप् ने.
धन्यवाद
जीवन की इस परिभाषा ने गदगद के दिया...आप की विलक्षण लेखनी को प्रणाम
नीरज
ज़िँदगी को देखने का ये नज़रिया पसँद आया.सुँदर भाव.
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